‘ पढ़ई तुंहर पारा ‘ सामुदायिक विद्यालयों में चुनौतियां विषय पर राज्य स्तरीय बेबीनार


रायपुर. राज्य में संचालित नवाचार कार्यक्रम ‘पढ़ई तुंहर दुआर‘ कार्यक्रम के अंतर्गत ऑनलाइन कक्षाएं प्रारंभ की गई। किंतु जिन बच्चों के पास स्मार्टफोन इंटरनेट नहीं होने के कारण कुछ बच्चे ऑनलाइन कक्षाओं का लाभ नहीं ले पा रहे थे इसे दृष्टिगत रखते हुए शिक्षा विभाग द्वारा ‘पढ़ई तुहर पारा‘ सामुदायिक विद्यालय प्रारंभ किए गए। सामुदायिक विद्यालयों में चुनौतियों को ध्यान में रखकर राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एससीईआरटी) द्वारा शिक्षकों के लिए राज्य स्तरीय बेबीनार का आयोजन किया गया।

स्कूल शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव डॉ. आलोक शुक्ला के कुशल मार्गदर्शन संचालक राहुल वेंकट के निर्देशन में आयोजित इस वेबीनार का संयोजन अतिरिक्त संचालक आर.एन. सिंह, संयुक्त संचालक डॉ. योगेश शिवहरे द्वारा किया गया। उन्होंने ‘पढ़ाई तुहर पारा‘ में अलग-अलग कक्षाओं में बच्चों को अनुशासित ढंग से किस प्रकार अध्ययन कराना है इस पर सारगर्भित चर्चा की। क्रियान्वयन में शिक्षक, सारथी शिक्षक, प्रधान पाठक, शाला प्रबंधन समिति, प्रोफेशनल लर्निंग कम्युनिटी को सक्रिय रूप से सहभागिता सुनिश्चित करते हुए बच्चों को शिक्षक से जोड़ने पर बल दिया। वेबीनार में स्टेट मीडिया सेंटर के नोडल अधिकारी प्रशांत पांडे, मॉनिटरिंग प्रभारी ए.के. सारस्वत एवं सलाहकार सत्यराज अय्यर भी उपस्थित थे।

एससीईआरटी के सहायक प्राध्यापक श्री साहू ने सामुदायिक सहभागिता विषय पर चर्चा करते हुए कहा कि बच्चों की गुणवत्तापूर्ण शिक्षा हेतु समुदाय और विद्यालय का परस्पर एवं जीवंत सहयोग आवश्यक है। उन्होंने कहा कि सामुदायिक विद्यालय का स्थान चयन करने, बच्चों की उपस्थिति सुनिश्चित करन,े बच्चों की सुरक्षा व्यवस्था कोरोना संक्रमण हेतु बचाव तथा शिक्षण स्थल पर आवश्यक सामग्री की व्यवस्था में इसका उपयोग किया जा सकता है।

बहु कक्षा बहुस्तरीय शिक्षण एवं पियर लर्निंग विषय पर चर्चा करते हुए शिक्षक, शिक्षा महाविद्यालय के सुनील मिश्रा द्वारा बताया गया एकही कक्षा के बच्चों की जोड़ी एवं अलग-अलग कक्षाओं के बच्चों की जोड़ी बनाकर रोचक गतिविधि के जरिए कक्षावार प्रश्न पूछा जा सकता है। बच्चों में दक्षता विकसित करने के उपाय बच्चों को समझाने के लिए सुनना, बोलना, पढ़ना, लिखना के बारे में सुश्री विद्या चंद्राकर ने बताया। गतिविधि आधारित शिक्षण विषय पर शैक्षिक खेल क्वीज अंताक्षरी समस्या आधारित अधिगम के बारे में भी जानकारी दी। सुश्री नीलम अरोरा ने वर्कशीट के उपयोग और उपकरण के आंकलन, बच्चों को किस प्रकार कराया जाए इस पर विस्तार से जानकारी दी। स्थानीय सांस्कृतिक गतिविधियों द्वारा विद्यालय पाठ्यक्रम का निर्माण किस प्रकार किया जाए इस विषय पर सुश्री प्रीति सिंह ने विस्तार से चर्चा की।

Add a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!