बस एक नजर डाल लें इन शब्दों पर, कोरोना की दूसरी लहर में ये आपको संक्रमण से बचाएंगे

दूसरी लहर के साथ कोरोना एक बार फिर विकराल रूप धारण कर रहा है। कई राज्यों में स्थितियां नियंत्रण से बाहर होती जा रही हैं। यहां जानें इस स्थिति में कैसे खुद को संक्रमण (Corona Infection) से बचा सकते हैं आप…

देश के कई राज्यों में एक बार फिर लॉकडाउन लग गया है। तो कहीं लॉकडाउन लगाने की तैयारी चल रही है। यह स्थिति सिर्फ भारत में ही नहीं है बल्कि कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर को देखते हुए दुनिया के कई देश फिर से लॉकडाउन का सहारा ले रहे हैं। ताकि इस वायरस को कम से कम समय में सीमित किया जा सके। यहां हम आपको उन गाइडलाइन्स के बारे में बता रहे हैं जो भारत सरकार के स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जारी की गई हैं…

दो स्थितियों सें हो सकते हैं होम क्वारंटाइन

-सरकार द्वारा जारी गाइडलाइन के अनुसार कोरोना से संक्रमित व्यक्ति दो स्थितियों में होम क्वारंटाइन हो सकते हैं। पहली स्थिति यह है कि किसी व्यक्ति का कोरोना टेस्ट पॉजिटिव नहीं आया है लेकिन उसमें कोरोना के लक्षण दिख रहे हैं।

-दूसरी स्थिति यह है कि जिस व्यक्ति का कोरोना टेस्ट पॉजिटिव आ चुका हो यानी वह कोरोना पेशंट बन चुका है, वह भी ट्रीटमेंट करनेवाले हॉस्पिटल की देखरेख में होम क्वारंटाइन हो सकते हैं।

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होम क्वरंटाइन के दौरान रखें इन बातों का ध्यान

-कोई व्यक्ति मुख्य रूप से तीन तरीके से कोरोना वायरस के कॉन्टेक्ट में आ सकता है। इनमें पहली स्थिति है, किसी संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आना। इसमें यदि आप संक्रमित व्यक्ति से बिना मास्क और उचित दूरी के फेस-टु-फेस बात कर लेते हैं। तो हवा और श्वांस के माध्यम से कोरोना आपके शरीर में प्रवेश कर जाता है।

-दूसरी स्थिति है कोरोना वायरस से कंटेमिनेटेड वातावरण में जाना। जैसे किसी कमरे में या किसी स्थान पर कोई कोरोना संक्रमित व्यक्ति है तो वहां की हवा में 3 से 13 फीट की दूरी तक कोरोना वायरस हवा में मौजूद हो सकता है, जो हवा के माध्यम से श्वांस के जरिए किसी स्वस्थ व्यक्ति के शरीर में प्रवेश कर सकता है।

-तीसरी स्थिति है किसी उस वस्तु को छू लेना या उपयोग करना, जिसे कोरोना संक्रमित व्यक्ति ने उपयोग किया हो और उसे सैनिटाइज ना किया गया हो। इस स्थिति में हाथों के जरिए वायरस आपके मुंह और नाक में प्रवेश कर सकता है।

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घर में क्वारंटाइन के दौरान ध्यान रखें ये बातें

-आमतौर पर 14 दिन के क्वारंटाइन पीरियड के बाद यह मान लिया जाता है कि व्यक्ति कोरोना से पूरी तरह मुक्त है। जबकि आपको पूरे 21 से 28 दिन की सावधानी बरतनी चाहिए। यानी क्वारंटाइन पूरा होने के बाद भी परिजनों से उचित दूरी बनाए रखें और घर के सैनिटाइजेशन का पूरा ध्यान रखें।

-ऐसा इसलिए कहा जा रहा है क्योंकि अलग-अलग रिसर्च में कोरोना का संक्रमण किसी व्यक्ति के शरीर में 0 से 28 दिन तक रह सकता है। हालांकि उपचार के बाद इस वायरस का लोड कम हो जाता है और इसकी संक्रमण क्षमता भी घट जाती है। लेकिन खतरा पूरी तरह खत्म नहीं होता है। इसलिए होम क्वारंटाइन के 14 दिन और दूसके बाद अगले 14 दिन तक आपको खास ध्यान रखना चाहिए।

– संक्रमित व्यक्ति को घर के किसी एक ही कमरे में रहना चाहिए। उसके लिए भोजन, पानी और सभी जरूरी वस्तुओं की व्यवस्था वहीं की जानी चाहिए। इस स्थिति में परिवार के सदस्यों को भी उचित दूरी बनाए रखनी चाहिए।

-घर के सभी सदस्य उचित दूरी और मास्क का उपयोग करें। हर दिन घर की सभी चीजों को सैनिटाइज करें।

-जितना हो सके किसी भी वस्तु को छूने के बाद हाथ साबुन से धुलें या सैनिटाइज करें। अपने मुंह और चेहरे पर बार-बार हाथ ना लगाएं।

-घर में जो कोरोना संक्रमित व्यक्ति है, उसकी देखरेख का काम कोई एक ही व्यक्ति करे और उस दौरान वह पूरी सावधानी बरते। डॉक्टर्स द्वारा बताई गई बातों का पूरी तरह पालन करें।

-कोरोना संक्रमित व्यक्ति द्वारा उपयोग की जा रही वस्तुओं को घर के अन्य सदस्य काम में ना लें। बेहतर होगा कि पेशंट की तौलिया, उसके कपड़े, बर्तन और बाथरूम सब अलग हो। यदि बाथरूम अलग करना संभव ना हो तो पेशंट द्वारा उपयोग किए जाने के बाद पूरी सावधानी के साथ बाथरूम को सैनिटाइज करें। इसके बाद ही परिवार का कोई और व्यक्ति इस बाथरूम का उपयोग करे।

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