बाल-विवाह कराने में सहयोगी महिला की जमानत निरस्त

टीकमगढ़. मीडिया सेल प्रभारी एन.पी. पटेल ने बताया कि दिनांक 16.05.2019 को नाबालिग पीडि़ता की मॉ की ओर से इस आशय का आवेदन प्राप्त हुआ कि प्रार्थिया पति बसंता वंशकार ग्राम कुंडलया की मूल निवासी हूँ। मेरी बेटी जो 11 वर्ष की है का विवाह मेरे पति बसंता वंशकार ने पैसे लेकर विंध्यवासिनी मंदिर से नाबालिग का विवाह उसके फूफा (आरोपी) देवी वंशकार से करा दिया है। उक्त तथ्यों के आधार पर थाना बल्देवगढ़ द्वारा अप. क्रमांक 201/2019 दर्ज कर प्रकरण की विवेचना प्रारंभ की गई। विवेचना में आए तथ्यों के आधार पर बाल विवाह प्रतिषेध नियम की धारा 9/10 पॉक्सो एक्ट की धारा ¾ एवं 376(2)(एन) भादवि के अंतर्गत विवेचना पूर्ण कर चालानी कार्यवाही न्यायालय के समक्ष की गई। प्रकरण वर्तमान में न्यायालय के समक्ष विचाराधीन है। आज दिनांक को प्रकरण की सहआरोपी फूलाबाई वंशकार द्वारा जेल में रहते हुए अपने वकील के माध्यम से जमानत आवेदन माननीय न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया गया इस पर तर्क करते हुए जिला अभियोजन अधिकारी श्री आर.सी. चतुर्वेदी ने तथ्य रखे कि प्रकरण में पूर्व में ही विचारण न्यायालय द्वारा एवं माननीय उच्च न्यायालय द्वारा आरोपिया की जमानत गुणदोषों के आधार पर निरस्त की गई है। अत: वर्तमान में ऐसी कोई परिस्थितियां विद्यमान नहीं है जिससे आवेदिका को जमानत का लाभ दिया जा सके। माननीय न्यायालय द्वारा जिला अभियोजन अधिकारी के उक्त तथ्यों से सहमत होते हुए आवेदिका का जमानत आवेदन खारिज कर दिया।