बिलासपुर के व्यापार विहार स्थित राहत शिविर में 90 जरूरतमंदों को मिला सहारा


बिलासपुर.मुर्शिदाबाद पश्चिम बंगाल निवासी रबि शेख का कहना है कि यहां रहने, खाने, पीने की समस्या नहीं है। आवश्यकता के अनुरूप चिकित्सा सुविधा भी मिल जाती है। रबि शेख मजदूरी करते हैं वे काम के लिये केरल गये हुये थे। कोरोना वायरस के कारण केरल से पश्चिम बंगाल जाने के लिये निकले थे। वे बिलासपुर स्टेशन में आकर लाॅकडाउन के कारण फंस गये और आगे जाने के लिये कोई ट्रेन नहीं थी। मुख्यमंत्री के निर्देश पर बिलासपुर में जिला प्रशासन द्वारा केरल से आने वाले मजदूरों को रूकवाया गया है। रबि शेख ने कहा कि यहां 24 दिन से रह रहे हैं।


रहने का जगह ठीक है, उन्हें किसी तरह की तकलीफ नहीं है, लेकिन घर जाने की बहुत इच्छा है। इसी तरह मुर्षिदाबाद के ही रहने वाले रफीक इस्लाम भी केरल से आया है। वह भवन निर्माण कार्य में हेल्पर का कार्य करता है। वे भी यहां की व्यवस्था से संतुष्ट है। जशपुर जिले के तपकरा निवासी प्रकाश कुमार चैहान भी केरल से आया है, वे भी पिछले 24 दिन से यहीं पर है। प्रकाश कुमार ने यहां की व्यवस्था की तारीफ तो की, लेकिन घर जाने की इच्छा जताई है, क्योंकि उसके घर में उसकी एक बूढ़ी मां है।


उल्लेखनीय है कि लाॅकडाउन के कारण बिलासपुर के त्रिवेणी भवन में ऐसे ही पश्चिम बंगाल, असम, बिहार, झारखंड, उत्तर प्रदेश एवं मध्यप्रदेश के 65 श्रमिकों को रूकवाया गया है। वहीं व्यापार विहार के रैन बसेरा में 25 श्रमिक एवं यात्री रूके हुए हैं। इनके लिये इस राहत षिविर में साबुन, सेनेटाईजर एवं मास्क उपलब्ध करा दी गई है। साथ ही रूके हुये लोगों को नियमित हाथ धोने एवं मास्क का उपयोग करने के लिये समझाईश दी गई है। जिला प्रशासन द्वारा इन लोगों के लिये हरसंभव सहायता उपलब्ध कराने के लिये पहल की गई है।

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