बिलासपुर में स्वास्थ्य व्यवस्था बदहाल भाजयुमों ने कलेक्टर को सौंपा ज्ञापन

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बिलासपुर. भाजयुमो जिला अध्यक्ष दीपक सिंह ठाकुर के नेतृत्व में आज भारतीय जनता युवा मोर्चा ने कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा। कोरोना के इस आपदा के दौरान बिलासपुर में बदहाल स्वास्थ्य सुविधाओं और अस्पतालों में बरती जा रही लापरवाही के खिलाफ एक बार फिर से कलेक्टर का ध्यान आकर्षित कराया गया। ज्ञापन में बताया गया कि बिलासपुर के सरकारी अस्पतालों की हालत बेहद खराब है ।यहां ना तो मरीजों के लिए बिस्तर है, ना डॉक्टर, ना हीं दवाई और ना ही ऑक्सीजन। यही हाल होम क्वॉरेंटाइन किए गए मरीजों का भी है, जिनकी कोई खबर तक नहीं लेता। ना ही उन तक दवाई पहुंचाई जा रही है। टेस्ट के सप्ताह भर बाद रिपोर्ट सामने आ रही है और इस बीच संक्रमित कई और लोगों को संक्रमित कर रहा है।

सिम्स और जिला अस्पताल की लापरवाही से नवजात की मौत के मुद्दे को भी प्रमुखता से उठाया गया । खपरी में रहने वाली गर्भवती को प्रसव के लिए जिला अस्पताल लाया गया था, जहां लापरवाही बरतते हुए उसे कोरोना के नाम पर सिम्स भेज दिया गया। सिम्स में उसे 5 घंटे तक बाहर बिठाए रखा गया और फिर बिना किसी इलाज के ही वापस जिला अस्पताल भेज दिया गया, लेकिन इसी आने जाने के दौरान ही गर्भवती महिला का प्रसव हो गया और गर्भ में ही नवजात की मौत हो गई। उसके बाद परिजनों की फरियाद को दरकिनार करते हुए गर्भवती महिला को कोरोना संक्रमित बताकर जिला अस्पताल में भर्ती कर लिया गया। पिछले दिनों सिम्स में लाशों की अदला-बदली के मुद्दे को भी भाजयुमो ने सामने रखा। इसे एक उदाहरण बताते हुए भाजयुमो अध्यक्ष दीपक सिंह ठाकुर ने कहा कि पूरे बिलासपुर में स्वास्थ्य सेवाओं का यही हाल है। निजी अस्पतालों में तो हालत और भी खराब है। इलाज के नाम पर लोगों को लूटा जा रहा है ।सामान्य परेशानियों से ग्रस्त मरीज अस्पताल जाता है तो कोरोना जांच के नाम पर उन्हें इस अस्पताल से उस अस्पताल भटकाया जा रहा है , जिस कारण गंभीर मरीजों की जान रास्ते में ही निकल रही है।

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