बिलासपुर से दिल्ली की सीधी उड़ान मंजूर की जाएं


बिलासपुर. हवाई सुविधा जनसंघर्ष समिति का अखण्ड धरना आज 257वें दिन भी जारी रहा। वही संघर्ष समिति ने केन्द्रीय उड्डयन मंत्री हरदीप सिंह पुरी से यह मांग की है कि उनके द्वारा घोषित बिलासपुर से दिल्ली की उड़ान बिना स्टॉपेज के सीधी दी जाये अन्यथा समय बचत का जो लाभ है वह समाप्त हो जायेगा।

गौरतलब है कि वर्तमान में बिलासपुर हवाई अड्डा 3सी श्रेणी का है और यहा 1500 मीटर रनवे है। यहाँ से एटीआर 600 और बम्बाडियर क्यू 400 विमान संचालित हो सकते है जोकि एक बार में ईधन भरकर 1200 से 1500 कि0मी0 तक आसानी से उड़ सकते है। बिलासपुर से दिल्ली की दूरी 900 कि0मी0 है और इन विमानों में यह दूरी तय करने में 2.15 से लेकर 2.30 घंटे लगेंगे। अगर सीधी उड़ान न देकर जबलपुर या प्रयागराज स्टॉपेज दिया गया तो 3.30 से लेकर 4.30 घंटे तक बिलासपुर से दिल्ली जाने में लग जायेंगे। इसके विपरीत रायपुर से दिल्ली 980 कि0मी0 का बोईंग और एयरबस में 1.40 घंटा समय लग रहा है। बिलासपुर हवाई अड्डे को सफल बनाने के लिये यहा से महानगरों तक सीधी उड़ान की आवश्यकता है और कोई भी उड़ान यात्रियों की कमी के कारण असफल नहीं होगी।

आज अखण्ड धरना पर हुई सभा में विधायक धर्मजीत सिंह ने भी जोर देकर यह कहा कि बिलासपुर से दिल्ली-कोलकाता-हैदराबाद आदि शहरों के लिये सीधी उड़ान दी जाये न कि झुनझुने के रूप में एक या दो स्टॉपेज वाली उड़ान हमे थमाई जाये। साथ ही उन्होंने भारतीय सेना से 200 एकड़ जमीन लेकर बिलासपुर एयरपोर्ट को 4सी में विकसित किये जाने को आवश्यक बताया। सभा में बोलते हुये डॉ0 प्रदीप राही ने कहा कि हम वास्तविक लक्ष्यों को हासिल किये बिना आंदोलन नहीं बंद कर सकते। मसीही समाज के नेता जयदीप राबिन्सन ने कहा कि एक या दो स्टॉपेज वाली उड़ान में बैठने से बहुत थकावट होती है और ऐसा होने पर मुंगेली आदि के यात्री रायपुर जाना पसंद करेंगे। व्यापारी महासंघ के अनिल तिवारी ने अपने जोशीले उद्बोधन में संघर्ष समिति को अब तक की सफलता के लिये बधाई देते हुये आगे के संघर्ष में सहयोग का वादा किया। आज के अखण्ड धरने में आगमन के क्रम से सर्वश्री बद्री यादव, सुदीप श्रीवास्तव, देवेन्द्र सिंह ठाकुर, महेश दुबे, राकेश दुबे, केशव गोरख, समीर अहमद, नरेश यादव, दिनेश रजक, संजय पिल्ले, पप्पू तिवारी, संतोष पीपलवा, शालिकराम पाण्डेय, नवीन वर्मा, कमलेश दुबे और विभूतिभूषण गौतम शामिल हुये।

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