बेल्जियम को मिली नई प्रिंसेस, कोर्ट में मुकदमा लड़कर जीता ‘वैध’ होने का हक
ब्रसेल्स. बेल्जियम के पूर्व सम्राट अलबर्ट II की सीक्रेट डॉटर डेल्फाइन बोएल (Delphine Boel) अब ‘वैध’ संतान होने का हक पा चुकी हैं. साथ ही बेल्जियम देश की प्रिंसेस यानी राजकुमारी (Princess of Belgium) होने का हक भी. उनके साथ ही उनके बच्चों के भी शाही पदवी मिलेगी.
जनवरी में पूर्व सम्राट ने माना था ‘वैध’ जैविक संतान
ब्रसेल्स की कोर्ट ने उनके पक्ष में फैसला दिया है कि बेल्जियम के पूर्व सम्राट ने भले ही उन्हें दुनिया से छिपाकर रखा और उनका बेटी के तौर पर दुनिया से परिचय नहीं कराया, लेकिन अब वो उनकी जैविक संतान हैं. जोकि खुद पूर्व सम्राट ने इसी साल की जनवरी में स्वीकार किया है. ऐसे में उन्हें भी बाकी के तीन बच्चों की तरह न सिर्फ शाही राजघराने की पदवी मिलेगी, बल्कि डेल्फाइन के बच्चों को भी शाही राजघराने में बाकी बच्चों जितना ही हक भी मिलेगा.
साल 2013 से कोर्ट में चल रहा था मामला
बेल्जियम के पूर्व सम्राट अलबर्ट II ने साल 2013 में देश की बागडोर अपने पुत्र फिलिप को सौंप दी थी. अलबर्ट II ने बढ़ती उम्र और स्वास्थ्य संबंधी परेशानियों का हवाला देकर खुद को सत्ता से अलग कर लिया था. उस समय उनकी उम्र 79 वर्ष थी और अब वो 86 वर्ष के हो चुके हैं.
क्या था पूरा मामला?
2013 में डेल्फाइन ने कोर्ट में अपील दायर की थी कि वो अलबर्ट II (Former Belgian King Albert II) की जैविक संतान हैं. ऐसे में उन्हें भी पिता की संपत्ति में हिस्सा पाने का हक है. बेल्जियम की राजधानी ब्रसेल्स की कोर्ट ने डीएनए टेस्ट के आदेश दिए थे, जिसके बाद कोर्ट का ये फैसला आया. कोर्ट ने कहा है कि बोएल के साथ ही उनके बच्चों को भी शाही पदवी मिलेगी. बोएल ने दावा किया था कि उनकी मां सिबली डे सेलिस लॉन्गचैंप (Sibylle de Selys Longchamps) के साथ अलबर्ट द्वितीय का अफेयर था, जिसके बाद साल 1968 में उनका जन्म हुआ. ये मामला 7 साल तक चला और आखिरकार अलबर्ट द्वितीय ने मान लिया कि बोएल उनकी जैविक संतान हैं.