ब्लैक राइस की खेती से बढ़ेगा बलरामपुर जिले के किसानों का आय

बलरामपुर. जिले के वाड्रफनगर विकासखण्ड में  बलरामपुर कलेक्टर श्यामलाल धावड़े के निर्देशन में  कृषि उपसंचालक अजय कुमार अनंत निर्देशन में वरिष्ठ कृषि अधिकारी रामचंद्र भगत , ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी भूपेश कुमार पटवा  एवं अनूप गुप्ता के अथक प्रयाश से वाड्रफनगर के ग्रामपंचायत सुलसुलि , स्याही एवं बेलसर में ब्लैक राइस की खेती करने के लिए अच्छी पहल किया गया जिसके अंतर्गत ग्राम सुलसुलि के कृषक  प्रदीप पटवा , ग्राम बेलसर के कृषक कनछिया यादव , एवं ग्राम स्याही के रंगप्रसाद कनौजिया और कृषक कुंताराम के खेत में  ब्लैक राइस की जैविक विधि  से खेती कराया जा रहा है ।  बलरामपुर जिले में  इसकी खेती कराने का मुख्य उद्देश्य  किसानो के आय में बृद्धि करना साथी ही कैंसर , डायबटीज जैसे खतरनाक रोगों के आलावा मोटापा से लोगो को निजात दिलाना है । वर्तमान में  ब्लैक राइस की  बाजार में  कीमत  300 — 500 रूपये प्रति किलोग्राम है जबकि ब्लैक राइस की औषत  उपज  8 से 10 क्विन्टल प्रति एकड़ है । ब्लैक राइस में  एन्टी कैंसर एवं एन्टी डायबटीज योगिक पाया जाता है साथ ही इसमें  फाइवर , मिनरल्स एवं विटामिन प्रचुर मात्रा  में पायी जाती है । अन्य चावल की तुलना में ग्लूकोज स्टार्च बहुत कम मात्रा में पाया जाता है । जिससे  इसकी मात्रा दिनों दिन बढ़ती जा रही है । यही कारण है की कृषि विभाग के द्वारा पहली बार जिले में इसकी खेती की शुरुवात की गयी है ।  जिले में इस वर्ष पांच कृषको  से ब्लैक राइस किं खेती करायी जा रही  है , जिसे अगले वर्ष 50 कृषको से खेती करवाने का लक्ष्य रखे है । जब इस विषय में ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी भूपेश कुमार पटवा से हमारी बात हुयी तो उन्होंने बताया की हमलोगो के द्वारा ब्लैक राइस के बीज को असम से  1830 रूपये प्रतिकिलो के दर से ऑनलाइन मंगाकर किसानो को देकर उन्हें इसका खेती करने के लिए प्रेरित किये  जिस पर उन्होंने ख़ुशी जाहिर की । इनके साथ – साथ कुछ  किसानो से भी चर्चा किया गया  जिस पर कृषको द्वारा यह बताया गया की  ब्लैक राइस की खेती से बढ़ेगा हमलोगो का आय और धान का कटोरा कहे जाने वाला छत्तीसगढ़ राज्य के बलरामपुर जिले में हमलोग ब्लैक राइस का उपज करके इस जिले का नाम रौशन करंगे ।  ब्लैक राइस की खेती सामान्य तरीके से ही होती है  ,सामान्य चावल के तुलना में कई गुना है इसकी कीमत है । यह 135 से 140 दिन में तैयार हो जाता है ।  अन्नदाता लोगो ने मेहनत कर  सभी को स्वस्थ्य रखने हेतु लिया निर्णय ।  जैविक विधि से कर रहे है ब्लैक राइस की खेती ।

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