‘ब्लैक लाइफ मैटर्स’ पर कैंटरबरी के आर्कबिशप ने जीसस के बारे में कही ये बात


न्यूयॉर्क. कैंटरबरी के आर्कबिशप और चर्च ऑफ इंग्लैंड के प्रमुख जस्टिन वेलबी ने कहा है कि चर्च को जीसस को एक श्वेत पुरुष के रूप में दर्शाने पर पुनर्विचार करना चाहिए. एक कार्यक्रम में चर्चा के दौरान जस्टिन वेलबी से पूछा गया कि क्या हाल ही में जॉर्ज फलॉयड की मौत के बाद ‘ब्लैक लाइव्स मैटर’ अभियान के चलते, पश्चिमी चर्च जीसस को जिस तरह दर्शाता है क्या उन्हें इस बारे में फिर से विचार करने और फिर से कल्पना करने की जरूरत है?

जवाब देते हुए उन्होंने कहा- ‘हां, निश्चित रूप से जरूरत है.’ उन्होंने ये भी कहा कि जीसस को दुनियाभर के देशों में अलग तरह से चित्रित किया गया. उन्होंने कहा कि वह नियमित रूप से दुनिया भर के एंग्लिकन चर्च के प्रमुखों के संपर्क में हैं.

उन्होंने कहा- ‘आप उनके चर्चों में जाते हैं और वहां आपको श्वेत जीसस नहीं दिखाई देते. वहां आपको अश्वेत जीसस दिखते हैं, या चीनी जीसस, या फिर एक मध्य पूर्वी जीसस दिखाई देते हैं, जो निश्चित रूप से सबसे सटीक है. जीसस को संस्कृति, भाषा और समझ के अनुरूप कई तरीकों से चित्रित किया गया है.’

उन्होंने ये भी कहा कि ब्रिटेन के साम्राज्यवादी इतिहास और दास प्रथा को दर्शाते स्मारकों को हटाए जाने के चलते, कैंटरबरी कैथेड्रल में मूर्तियों की समीक्षा की जाएगी. विवादास्पद मूर्तियों को गिराने और हटाने के आंदोलन ने ब्रिटेन के साथ- साथ यूरोप और अमेरिका को भी प्रभावित किया है. जबकि आलोचक इसे ‘भीड़ तंत्र’ कहते हैं और कुछ इसे ‘व्यवस्थित नस्लवाद’ के रूप में संबोधित करते हैं.

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