भारतीय आध्यात्मिक संस्कृति और परंपरा के संरक्षण, संवर्धन में ब्राम्हण महिलाओं विशिष्ट योगदान : टीएस सिंहदेव

बिलासपुर. स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, चिकित्सा, शिक्षा पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री श्री टी.एस.सिंहदेव ने कहा कि भारतीय तीज त्यौहार, धार्मिक परंपराएं हमारे समाज की धरोहर है, इसके संरक्षण, संवर्धन और स्थायित्व में ब्राम्हण समाज की महिलाओं का विशिष्ट योगदान है।
वे आज सांई आनंदपुरम उसलापुर में प्रगतिशील छत्तीसगढ़ ब्राम्हण द्वारा आयोजित तीजा तिहार, तीज मिलन समारोह को संबोधित कर रहे थे। इस अवसर पर विधायक श्री शैलेष पाण्डेय, श्रीमती रश्मि सिंह सहित ब्राम्हण समाज के पदाधिकारी, सदस्य उपस्थित थे। उन्होंने कहा कि तीज पर महिलाऐं निर्जला व्रत रखकर परिवार समाज के कल्याण, सुखमय जीवन की कामना करती है, जो उनके समाज कल्याण के लिये समर्पण का प्रतीक है। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार ने छत्तीसगढ़ी तीज त्यौहार, सांस्कृतिक परंपराओं का महत्व बरकरार रखने और इस त्यौहारों में अपनी सहभागिता बढ़ाने हरेली तीज, छठ आदि पर्वों के लिये सार्वजनिक अवकाशों की घोषणा की है ताकि देश और विदेश में इन त्यौहारों की पहचान बनें।

उन्होंने कहा कि धार्मिक, सांस्कृतिक परंपराओं को भविष्य में भी जीवित रखने महिलाएं अपनी महती भूमिका का निर्वहन कर रही है। समारोह को विधायक श्री शैलेष पाण्डेय ने भी संबोधित किया। इसके पूर्व मंत्री श्री टी.एस.सिंहदेव का ब्राम्हण समाज के पदाधिकारियों द्वारा आत्मीय स्वागत किया गया। मंत्री श्री टी.एस.सिंहदेव द्वारा ब्राम्हण समाज की उन महिलाओं को प्रतिभा प्रोत्साहन पुरस्कार प्रदान कर सम्मानित किया गया जिनके द्वारा लोक कल्याण के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य किए गए। इनमें श्रीमती अराध्या शर्मा, शैलकुमारी देवी, दीपाली पांडेय, तारिणी शुक्ला आदि शामिल हैं। कार्यक्रम के अंत में आभार प्रदर्शन छत्तीसगढ़ प्रगतिशील ब्राम्हण समाज के प्रदेश अध्यक्ष श्री शिवांजल शर्मा ने किया। इस अवसर पर प्रगतिशील ब्राम्हण समाज के प्रदेश अध्यक्ष श्री विजय तिवारी, श्रीमती वसुधा पांडेय, अराधना शर्मा, साधना शर्मा, जय सिंह शुक्ला, श्री विजय केशरवानी, श्री राधेभूत, एस.डी.एम.श्री पटेल सहित अन्य विभागीय अधिकारी, ब्राम्हण समाज के सदस्यगण उपस्थित थे।