भारत के खास दोस्त ने कहा- पाकिस्तान पर विश्वास नहीं, पहले आतंकी ठिकानों और तालिबान को खत्म करे

काबुल. अफगानिस्तान की सरकार ने तालिबान नेताओं की मेजबानी के लिए पाकिस्तान की कड़ी निंदा की है और उससे मांग की है कि वह अपनी धरती पर आतंकियों को पनाह देना बंद करे. तालिबान के शीर्ष नेताओं का एक प्रतिनिधिमंडल बुधवार को इस्लामाबाद पहुंचा और उसकी पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी समेत अन्य वरिष्ठ अधिकारियों से कई दौर की बातचीत हुई है. पाकिस्तान की तरफ से इसे अफगानिस्तान में ठप पड़ गई शांति प्रक्रिया को फिर से शुरू करने की कोशिश बताया गया है.

अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी के प्रवक्ता सेदिक सेदिकी ने कहा कि किसी विद्रोही समूह की मेजबानी करना देशों के बीच के सभी नियम-सिद्धांतों के खिलाफ है. तालिबान प्रतिनिधिमंडल उस वक्त अफगानिस्तान पहुंचा जब अफगानिस्तान के लिए अमेरिका के विशेष दूत जलमे खलीलजाद भी पाकिस्तान में थे.

अमेरिकी दूतावास के सूत्रों का कहना है कि खलीलजाद और तालिबान नेताओं के बीच बातचीत हुई है. सेदिकी ने कहा कि तालिबान की हाल की इस्लामाबाद यात्रा से अफगानिस्तान की शांति प्रक्रिया को कोई लाभ नहीं होगा. शांति प्रक्रिया तभी प्रभावी होगी जब इसका नेतृत्व और निगरानी अफगानिस्तान की सरकार द्वारा की जाए और हम तालिबान की तरफ से शांति के लिए किसी तरह की कोई प्रतिबद्धता नहीं देख रहे हैं.

हमारी मांग पहले की ही तरह पाकिस्तान से यह है कि वह तालिबान और आतंकियों के सुरक्षित ठिकानों को नष्ट करे और क्षेत्र की सुरक्षा में सकारात्मक भूमिका निभाए.

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