भारत के साथ Water War की तैयारी कर रहा चीन, समझौतों का उल्लंघन कर Brahmaputra नदी पर बनाएगा मेगा-डैम


बीजिंग. चीन (China) अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहा है. सीमा विवाद के बीच अब उसकी कोशिश पानी को लेकर जंग (Water War) छेड़ने की है. चीन तिब्बत से भारत (India) की ओर बहने वाली नदियों पर कई बड़े बांध बनाने की तैयारी कर रहा है. इन बाधों को वह भारत के खिलाफ एक हथियार के तौर पर इस्तेमाल करेगा. गर्मी के मौसम में उसकी कोशिश पानी रोककर भारत के निचले इलाकों में सूखा पैदा करने की होगी. इसी तरह, बरसात में चीन पानी छोड़कर भारतीय इलाकों में बाढ़ भी ला सकता है.

इतना बड़ा होगा डैम

एशिया टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, चीन (China) इन दिनों यारलुंग जांगबो (Yarlung Zangbo River) पर एक मेगा-डैम बनाने की योजना पर काम कर रहा है. इस डैम (Dam) के बारे में ज्यादा जानकारी तो सामने नहीं आई है, लेकिन बताया जा रहा है कि इससे चीन में बने दुनिया के सबसे बड़े बांध थ्री जॉर्ज (Three Gorges) से भी तीन गुना ज्‍यादा पनबिजली पैदा की जा सकेगी. जानकारों का मानना है कि चीन के इस विशाल आकार के बांध से भारत के पूर्वोत्‍तर राज्‍यों और बांग्‍लादेश में सूखे जैसी स्थिति पैदा हो सकती है. बता दें कि जांगबो भारत में दाखिल होते ब्रह्मपुत्र (Brahmaputra) नदी बन जाती है.

Mekong पर भी बना रखे हैं डैम

रिपोर्ट में कहा गया है कि यारलुंग जांगबो (ब्रह्मपुत्र नदी) नदी पर बांध बनाने को लेकर चीन ने भारत और बांग्लादेश से चर्चा तक नही की है. वह खुले रूप में जल बंटवारे को लेकर हुई संधियों की अनदेखी कर रहा है. इस नदी के निचले हिस्से में आने वाले पड़ोसियों के साथ विचार-विमर्श की कमी दक्षिण पूर्व एशिया में विवादों को जन्म दे सकती है. रिपोर्ट के अनुसार, चीन ने ब्रह्मपुत्र की तरह कई देशों से बहने वाली मेकांग नदी (Mekong River) पर भी 11 मेगा डैम बनाए हैं. चीन ने इस बारे में म्यांमार, लाओस, थाईलैंड, कंबोडिया और वियतनाम में को भी कोई पूर्व सूचना नहीं दी थी.

यहां बना सकता है Dam

चीन ब्रह्मपुत्र पर यह बांध तिब्‍बत के मेडोग काउंटी में बना सकता है, जो भारत के अरुणाचल प्रदेश की सीमा के बेहद करीब है. गौरतलब है कि बीजिंग पहले ही ब्रह्मपुत्र नदी पर कई छोटे-छोटे बांध बना चुका है. माना जा रहा है कि इस नए बांध को चीन की राष्ट्रीय सुरक्षा को ध्‍यान में रखकर बनाया जाएगा. विशेषज्ञों का कहना है कि यदि चीन इस दिशा में आगे बढ़ता है, तो भारत के साथ उसका तनाव और बढ़ जाएगा. पहले से ही दोनों देश सीमा विवाद को लेकर आमने-सामने हैं.

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