भारत- चीन में राजनयिक बातचीत फिर हुई नाकाम, नहीं निकला सीमा गतिरोध का हल
नई दिल्ली. भारत-चीन (Indo- China) के बीच पिछले तीन महीने से पूर्वी लद्दाख में चल आ रहे सीमा गतिरोध का अब तक कोई हल नहीं निकल पाया है. दोनों पक्षों के बीच गुरुवार को हुई राजनयिक बातचीत भी बेनतीजा रही. भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा कि दोनों पक्षों ने आपसी समझौतों और प्रोटोकॉल के तहत इस मुद्दे का हल निकालने के बातचीत जारी रखने का फैसला किया है. वहीं चीन के विदेश मंत्रालय ने बयान जारी करके कहा कि दोनों पक्षों ने बैठक में अग्रिम पंक्ति के बलों के पीछे हटने को लेकर हुई प्रगति का सकारात्मक मूल्यांकन किया.
सीमा मामलों पर परामर्श एवं सहयोग संबंधी तंत्र (WMCC) की 18वीं बैठक में भारतीय पक्ष का प्रतिनिधित्व विदेश मंत्रालय में संयुक्त सचिव (पूर्वी एशिया) नवीन श्रीवास्तव और चीनी पक्ष का प्रतिनिधित्व वहां के विदेश मंत्रालय में सीमा एवं समुद्री विभाग के महानिदेशक हांग लियांग ने किया. वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए हुई बातचीत में सीमा विवाद पर आगे भी बातचीत जारी रहने पर सहमति जताई.
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने कहा कि दोनों पक्षों के बीच LAC पर बनी मौजूदा स्थिति पर स्पष्ट और गहन चर्चा हुई. दोनों देशों ने तय किया कि पश्चिमी सेक्टर में LAC के पास सैनिकों को पूरी तरह से पीछे हटाने के लिए पूरी गंभीरता से काम करते रहेंगे. साथ ही आपसी समझौतों और प्रोटोकॉल के तहत लंबित मुद्दों का जल्द निपटारा करेंगे.
बैठक में दोनों पक्षों ने यह भी स्वीकार किया है कि सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति की बहाली द्विपक्षीय संबंधों के विकास के लिए जरूरी है. साथ ही सैनिकों को पीछे हटाने के लिए वे लगातार कूटनीतिक, सैन्य माध्यमों से करीबी संवाद बनाए रखेंगे.
वहीं चीन के विदेश मंत्रालय ने बयान जारी करके कहा कि दोनों पक्षों ने भारत- चीन सीमा मुद्दे पर सैन्य व राजनयिक बातचीत जारी रखने पर सहमति जताई है. दोनों देश जमीनी स्तर के मुद्दों को निस्तारित करने और सीमावर्ती क्षेत्रों में संयुक्त रूप से शांति स्थापित करने के लिए बातचीत करते रहेंगे.
बता दें कि पूर्वी लद्दाख में चीन की सेना के अतिक्रमण के बाद से भारत- चीन की सेनाएं आमने सामने हैं. गलवान घाटी में 15 जून की रात को हुए हिंसक संघर्ष के बाद कुछ जगहों से दोनों सेनाएं पीछे हटी हैं. लेकिन पैंगोंग झील, गोगरा और देपसांग के फिंगर इलाकों में सैनिकों के पीछे हटने की प्रक्रिया आगे नहीं बढ़ी है.
WMCC की इससे पहले वार्ता 24 जुलाई को हुई थी. इस बातचीत के बाद दोनों देशों के कोर कमांडर स्तर की पांचवी वार्ता दो अगस्त को हुई थी. जिसका मकसद सैनिकों के पीछे हटने की प्रक्रिया में तेजी लाना था. इस बातचीत में भारतीय पक्ष ने चीनी सैनिकों के जल्द पीछे हटने और पूर्वी लद्दाख के सभी इलाकों में पांच मई से पूर्व की स्थिति बहाल करने पर जोर दिया था.