भारत-चीन विवाद पर अमेरिका की नजर, सैनिकों की शहादत पर व्यक्त की संवेदना


वाशिंगटन. भारत और चीन (India-China Tension) के बीच बढ़ते तनाव पर अमेरिका नजर रखे हुआ है. पूर्वी लद्दाख की गालवन घाटी (Galwan Valley) में भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच हुई हिंसक झड़प के कुछ घंटों बाद अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने एक बयान जारी किया है. इस बयान में कहा गया है कि वाशिंगटन वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर भारतीय और चीनी सेनाओं के बीच उत्पन्न हुई स्थिति का बारीकी से आकलन कर रहा है. अमेरिकी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा, ‘हम वास्तविक नियंत्रण रेखा पर हुई घटना पर बारीकी से नजर रखे हुए हैं. भारत ने 20 सैनिकों के शहीद होने की बात कही है, हम पीड़ित परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त करते हैं. भारत और चीन दोनों डी-एस्केलेट की इच्छा व्यक्त कर चुके हैं, और हम मौजूदा स्थिति के शांतिपूर्ण समाधान का समर्थन करते हैं. 2 जून राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच फोन पर भारत-चीन सीमा के हालातों पर चर्चा हुई थी’.

इस बीच, संयुक्त राष्ट्र प्रमुख एंटोनियो गुटेरेस (Antonio Guterres) ने भारत और चीन के बीच हुई हिंसक झड़प पर चिंता व्यक्त की है और दोनों पक्षों से संयम बरतने का आग्रह किया है. गौरतलब है कि चीनी सैनिकों के साथ हिंसक झड़प में भारत के 20 सैनिक शहीद हो गए हैं. चीन के भी 43 जवानों के हताहत होने की खबर है.

विदेश मंत्रालय की तरफ से कहा गया है कि 15 जून को भारत-चीन सैनिकों के बीच हिंसक झड़प हुई. दोनों तरफ नुकसान हुआ है, लेकिन एलएसी (LAC) पर सभी गतिविधियां अपनी सीमा में हैं. शांति से सारे विवाद सुलझाना चाहते हैं. इसके साथ ही विदेश मंत्रालय ने कहा है कि हम क्षेत्रीय अखंडता सुनिश्चित करने को प्रतिबद्ध हैं. एलएसी (LAC) पर जो हुआ उसे टाला जा सकता था. विदेश मंत्रालय ने कहा है कि भारत ने हमेशा एलएसी (LAC) का सम्मान किया और चीन को भी ऐसा ही करना चाहिए. विदेश मंत्रालय ने कहा है कि पूर्व में शीर्ष स्तर पर जो सहमति बनी थी, अगर चीनी पक्ष ने गंभीरता से उसका पालन किया होता तो दोनों पक्षों की ओर जो हताहत हुए हैं उनसे बचा जा सकता था.

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