भारत ने निभाया पड़ोसी धर्म, तेल रिसाव संकट से निपटने के लिए मॉरीशस को भेजी सहायता
नई दिल्ली. ‘पड़ोसी प्रथम’ की नीति को आगे बढ़ाते हुए भारत (India) समुद्र में तेल से रिसाव (Oil spill crisis) संकट से जूझ रहे मॉरीशस (Mauritius) की मदद को आगे आया है. भारत ने समुद्र में फैले तेल को सोखने वाले 10 हजार पैड्स के साथ कोस्ट गार्ड की 10 सदस्यीय टीम मॉरीशस भेजी है. C17 ग्लोबमास्टर (C17 Globemaster) विमान से भेजी गई टीम ने वहां पहुंचकर समुद्र में तेल सफाई का काम शुरू कर दिया है.
बता दें कि पिछले महीने 25 जुलाई को करीब 4000 मीट्रिक टन ईंधन से लदा मालवाहक पोत MV Wakashio मॉरीशस के दक्षिणपूर्वी हिस्से में एक चट्टान से टकरा गया. घटना के बाद वह तेल समुद्र में फैल गया. जिससे पारिस्थितिक रूप से संवेदनशील इस क्षेत्र पर विपरीत प्रभाव पड़ रहा है. पिछले हफ्ते मॉरीशस के प्रधानमंत्री प्रविंद जगन्नाथ ने पर्यावरण आपात स्थिति की घोषणा की थी और स्थिति से निपटने के लिये अंतरराष्ट्रीय सहायता का अनुरोध किया था.
मदद का आग्रह आने के बाद भारत ने सबसे पहले इंडियन ऑयल (मॉरीशस) लिमिटेड (IOML) ने ‘Tresta Star’ नाम के एक जहाज को घटना स्थल की ओर भेजा. जो 1 हजार टन तेल को साफ करने में सक्षम था. इसके बाद अब ओशन बूम, रिवर बूम, डिस्क स्किमर्स, हेली स्किमर्स, पावर पैक, इन्फ्लेटर, ब्लोवर, साल्वेज बार्ज और पैड्स के साथ कोस्ट गार्ड की स्पेशल टीम को मॉरीशस भेजा गया है. इंडियन कोस्ट गार्ड समुद्र में कहीं भी तेल रिसाव होने पर राहत कार्य चलाने वाली भारत की नोडल एजेंसी है और मॉरीशस भेजे गए उपकरण भी उसी ने उपलब्ध करवाए हैं.
विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि ये सहायता पीएम मोदी की SAGAR (Security and Growth for All in the Region) नीति के तहत दी गई है. इस नीति के तहत हिंद महासागर क्षेत्र में पड़ोसी देशों में कोई संकट या आपदा आने पर भारत उनकी सहायता करने के लिए प्रतिबद्ध है. मंत्रालय के मुताबिक यह तत्काल सहायता भारत और मॉरीशस के बीच दोस्ती के करीबी संबंधों को दर्शाती है. भारत मॉरीशस के लोगों की जरूरत पूरी करने के लिए स्थायी रूप से प्रतिबद्ध है.
बता दें कि भारत लंबे अर्से से पड़ोसी प्रथम की नीति को दृढ़तापूर्वक आगे बढ़ाता आ रहा है. COVID महामारी के दौर में भारत ने इस नीति के क्रियान्वयन में और तेजी ला दी है. कोरोना संक्रमण से निपटने के लिए मॉरीशस समेत करीब 100 से ज्यादा देशों को भारत दवाओं की विशेष खेप पहुंचा चुका है.