भारत में कोरोना का कोहराम अभी बाकी, इस महीने में चरम पर होगी महामारी : अध्ययन
नई दिल्ली. भारत में लॉकडाउन 3.0 (Lockdown 3.0) शुरू हो गया है. लेकिन कोरोना (Coronavirus) के आंकडे़ अब भी लगातार बढ़ रहे हैं, और इसका चरम पर पहुचना अभी बाकी है. कोलकाता स्थित इंडियन ऐसोसिएशन फॉर कल्टिवेशन ऑफ साइंस (IACS) में हुए एक अध्यन के मुताबिक इस वक्त देश में कोरोना की महामारी अपने व्यापक रूप पर नहीं पहुंची है बल्कि इस साल जून के अंत तक ये महामारी अपने चरम पर होगी.
अध्यन में यह भी बताया गया है कि देशभर में लॉकडाउन के चलते महामारी के चरम पर पहुंचने का समय एक महीने तक टल पाया है जिससे कोरोना से निपटने के लिए बेहतर इंतजाम किए जा सके हैं. बायो कम्प्यूटेशनल मॉडल पर आधारित ये स्टडी बताती है कि भारत में जून के अंत तक करीब डेढ़ लाख लोगों के कोरोना से संक्रमित होने की संभावना है.
इस स्टडी में रिप्रोडक्शन नंबर की मदद से बताया गया है कि कोरोना का संक्रमण कितनी तेजी से फैल रहा है. स्टडी में रिप्रोडक्शन नंबर २.२ पाया गया है. जिसका मतलब है कि 10 लोगों से ये संक्रमण औसतन 22 लोगों में फैल रहा है. लॉकडाउन और सोशल डिस्टेंसिग सही तरीके से पालन करने पर ये रिप्रोडक्शन नंबर कम होकर 0.7 तक पहुचने की उम्मीद है.
आईएसीएस के डायरेक्टर शांतनु भट्टाचार्या ने बताया कि ये स्टडी स्कूल ऑफ मैथेमैटिकल साइंस के सांइटिस्ट राजा पॉल और उनकी टीम ने ससेप्टेबल-इंफैक्टेड-रिकवरी डेथ (SIRD) मॉडल पर की है जिससे भारत में कोरोना की स्थ्ति का आंकलन किया जा सके.
इस मॉडल के मुताबिक अगर देश में लॉकडाउन नहीं होता तो कोरोना की इस महामारी का चरम मई के अंत में होता. लॉकडाउन की वजह से इसमें करीब 15 दिन का फर्क आया है. इतना ही नहीं, ये मॉडल ये भी बताया है कि अगर 3 मई को लॉकडाउन पूरी तरह से हटा दिया जाता तो कोरोना के संक्रमण में भारी उछाल देखने को मिल सकता था.
भारत में 25 मार्च को जब लॉकडाउन की घोषणा हुई तब देशभर में कोरोना से संक्रमित लोगों का संख्या कुल 657 थी, जबकि जर्मनी में 22 मार्च को जब देशव्यापी लॉकडाउन की घोषणा की गई तब वहां कोरोना ने संक्रमित लोगों की संख्या 25000 थी.