भारत सरकार के दखल के बाद अराकान आर्मी ने छोड़े 5 भारतीय नागरिक

नई दिल्ली. भारत सरकार (Indian Government) ने म्यांमार (Myanmar) में अराकान आर्मी (Arakan Army) की कैद से 5 भारतीय नागरिकों (Indian Nationals) को छुड़ाया. दरअसल 3 नवंबर को अराकान आर्मी ने 5 भारतीय नागरिक, 1 म्यांमार के सांसद (Member of Myanmar Parliament) और 4 म्यांमार के नागरिकों (Myanmar Nationals) का अपहरण कर लिया था. अराकान आर्मी म्यांमार में सक्रिय रोहिंग्या (Rohingya) समुदाय का एक उग्रवादी संघठन है, जो म्यांमार में सेना और मूल निवासी बौद्ध लोगों के प्रति हिंसा करता है.
भारत सरकार ने आज (मंगलवार) को जानकारी देते हुए बताया कि भारत सरकार के समय पर दखल से म्यांमार में 4 नवंबर की सुबह 5 भारतीय नागरिकों को अराकान आर्मी के गिरफ्त से छुड़ाया लिया गया है. 3 नवंबर को अराकान आर्मी ने म्यांमार में चिन प्रांत (Chin State) के पालेतवा (Paletwa) शहर से रखाइन प्रांत (Rakhine State) के कालेतवा (Kyauktaw) की ओर जाने वाले रास्ते पर 5 भारतीय नागरिकों समेत 1 म्यामांर के सांसद, 2 लोकल ट्रांसपोर्टर और 2 स्पीडबोट ऑपरेटरों का अपहरण कर लिया था.
मामले की गंभीरता को देखते हुए भारत सरकार तुरंत हरकत में आई और अराकान आर्मी की कैद से भारतीय नागरिकों को छुड़ाने के लिए जुट गई. जिन भारतीय नागरिकों का अराकान आर्मी ने अपहरण किया गया था, वो सभी म्यांमार में भारत द्वारा चलाए जा रहे कालादान रोड प्रोजेक्ट (The Kaladan Road Project) में काम कर रहे हैं.
आपको बता दें अराकान आर्मी के कैद के दौरान एक भारतीय नागरिक की हार्ट अटैक (Heart Attack) की वजह से मौत हो गई. भारत सरकार की दी जानकारी के मुताबिक मृत भारतीय नागरिक क्रोनिक डायबटीज (Chronic Diabetes) का मरीज था.
अराकान आर्मी की कैद से रिहा होने के बाद 4 भारतीय नागरिक अपहरण के दौरान मृत हुए अपने साथी के शव के साथ म्यांमार में रखाइन प्रांत की राजधानी सित्तवे (Sittwe) पहुंच चुके हैं. आज वो सभी म्यांमार के एक प्रमुख शहर यंगून (Yangoon) पहुंचेंगे और फिर वहां से भारत के लिए रवाना होंगे.