मन की बात : PM मोदी बोले- लोकल खिलौने के लिए वोकल होने का समय आ गया है


नई दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को ‘मन की बात’ में कहा कि भारतीयों के नवाचार और समाधान देने की क्षमता का लोहा हर कोई मानता है और जब समर्पण भाव हो, संवेदना हो तो ये शक्ति असीम बन जाती है. उन्होंने देश के युवाओं से ऑनलाइन गेम्स बनाने की अपील की. पीएम मोदी ने कहा कि कोरोना तभी हारेगा जब आप सुरक्षित रहेंगे, जब आप  ‘दो गज की दूरी, मास्क जरूरी’, इस संकल्प का पूरी तरह से पालन करेंगे.

प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संबोधन में आगे कहा, “हमारे देश में लोकल खिलौनों की बहुत समृद्ध परंपरा रही है. कई प्रतिभाशाली और कुशल कारीगर हैं, जो अच्छे खिलौने बनाने में महारत रखते हैं. भारत के कुछ क्षेत्र टॉय क्लस्टर्स (Toy Clusters) यानी खिलौनों के केंद्र के रूप में भी विकसित हो रहे हैं. खिलौने जहां एक्टिविटी को बढ़ाने वाले होते हैं, तो खिलौने हमारी आकांक्षाओं को भी उड़ान देते हैं. खिलौने केवल मन ही नहीं बहलाते, खिलौने मन बनाते भी हैं और मकसद गढ़ने वाले भी होते हैं.”

उन्होंने आगे कहा, “ग्लोबल टॉय इंडस्ट्री (Global toy industry) 7 लाख करोड़ से भी अधिक की है. 7 लाख करोड़ रुपयों का इतना बड़ा कारोबार, लेकिन भारत का हिस्सा उसमें बहुत कम है. जिस राष्ट्र के पास इतने विरासत हो, परम्परा हो, क्या खिलौनों के बाजार में उसकी हिस्सेदारी इतनी कम होनी चाहिए?”

आम तौर पर ये समय उत्सव का है. जगह-जगह मेले लगते हैं, धार्मिक पूजा-पाठ होते हैं. कोरोना के इस संकट काल में लोगों में उमंग और उत्साह तो है ही, मन को छू लेने वाला अनुशासन भी है. कोरोना काल में संयम रखना जरूरी है. लोग सादगी और संयम से त्योहार मना रहे हैं. कई जगह गणेश उत्सव ऑनलाइन मनाया गया. इकोफ्रेंडली रूप में गणेश चतुर्थी मनाई गई.

पीएम मोदी ने कहा, “हम बहुत बारीकी से अगर देखेंगे, तो एक बात अवश्य हमारे सामने आएगी- हमारे पर्व और पर्यावरण. इन दोनों के बीच एक बहुत गहरा नाता है. बिहार के पश्चिमी चंपारण में सदियों से थारू आदिवासी समाज के लोग 60 घंटे के लॉकडाउन, उनके शब्दों में ‘60 घंटे के बरना’ का पालन करते हैं. प्रकृति की रक्षा के लिए बरना को थारू समाज के लोगों ने अपनी परंपरा का हिस्सा बना लिया है और ये सदियों से है. धान की रोपाई 5% ज्यादा हुई है. अन्नदाता की शक्ति को वेदों में नमन किया गया है.”

Add a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!