मरवाही उपचुनाव : कांग्रेसियों को परिणाम का बेसब्री से इंतजार

बिलासपुर. मरवाही उपचुनाव मैदान से बाहर हुए जोगी परिवार ने जनता से अन्याय के बदले न्याय की मांग की है। मरवाही में जोगी परिवार का नामांकन रद्द होना सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण मुद्दा बना हुआ है। सीधे तौर पर जोगी परिवार ने आरोप लगाया है कि जब तक कांग्रेस में थे तो आदिवासी थे और जब कांग्रेस पार्टी छोड़ चुके हैं तो आदिवासी नहीं है, राज्य की कांग्रेस सरकार ने साजिश पूर्वक हमे चुनाव मैदान से बाहर का रास्ता दिखाया है, मरवाही की जनता इसका करारा जवाब देगी। मरवाही की जनता ने मतदान तो कर दिया है लेकिन संशय की स्थिति अभी भी बनी हुई है। 10 नवंबर के मतगणना में तखता पलट तो नहीं होने वाला है लेकिन एक बात साफ है कि अगर कांग्रेस को पराजय का मुंह देखना पड़ा तो अंदरूनी खींचतान होना तय है। मरवाही उपचुनाव में जी-जान लगाकर चुनाव मैदान में कांग्रेसी शुरू से लेकर आखरी दौर तक डटे रहे। पार्टी आला-कमान के निर्देश पर ही बाहरी कांग्रेसियों को मरवाही में प्रवेश दिया गया। हर मोड़ पर फूंक-फूंककर कदम बढ़ाये गए। राज्य के मुखिया भूपेश बघेल ने भी तीन दिवसीय चुनावी सभा आयोजित कर कांग्रेस के पक्ष में मतदान करने की अपील मरवाही की जनता से की। जोगी के गढ़ को तोडऩा इतना आसान नहीं है यह बात सभी जानते हैं। मरवाही उपचुनाव में अपना-पराया का मुद्दा भी गर्माया रहा। चुनाव मैदान से जोगी परिवार के बाहर होते ही दो प्रमुख दलों में कांग्रेस-भाजपा में सीधा मुकाबला रहा। लेकिन ऐेन वक्त में जोगी परिवार ने मरवाही उपचुनाव में कांग्रेस का विरोध करते हुए भाजपा को समर्थन देने की मंशा बना ली। भाजपा ने भी जोगी परिवार का सहारा लिया। मरवाही में शुरू से डटे रहने वाले जोगी परिवार ने नामांकन रद्द होने के बाद भी हार नहीं मानी। जनता से न्याय मांगने जोगी परिवार निकल पड़ा। ऐसा भी माना जा रहा था कि जोगी परिवार के सदस्य नामांकन रद्द होने के बाद शांत पड़ जाएंगे, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। मरवाही में विकास के मुद्दे एक ओर और जोगी परिवार का चुनाव मैदान से बाहर होने की चर्चा आम जनता के बीच बनी रही। गौरेला-पेण्ड्रा-मरवाही को जिले का दर्जा दिलाने और अपना वादा पूरा करने का दम भले ही कांग्रेसी भर रहे हैं लेकिन स्व. अजित जोगी के परिवार को चुनाव मैदान से बाहर का रास्ता दिखाने का सारा आरोप कांग्रेस पर ही मढ़ा जा रहा है। इस चुनाव में सबसे अहम मुद्दा जोगी परिवार का नामांकन रद्द होना बना रहा। राज्य बनने के बाद ही पूर्व मुख्यमंत्री स्व. अजित प्रमोद कुमार मरवाही विधानसभा क्षेत्र के जमीनी नेता रहे। उनकी गहरी पैठ और रणनीति के सामने सभी दल के नेता नतमस्तक थे। वर्ष 2018 के विधानसभा चुनाव के दौरान राहुल गांधी और अजित जोगी की जनसभा एक साथ एक दिन आयोजित हुई। मरवाही में पूरे दमखम के अजित जोगी ने चुनाव लड़ा था। स्व. अजित जोगी को 72 हजार मत मिले थे यहां दूसरे स्थान पर भाजपा रही वहीं कांग्रेस पार्टी ने 20 हजार मत प्राप्त कर तीसरे नंबर पर रही। इसी से सहज अंदाजा लगाया जा सकता है कि जोगी के गढ़ को भेदना इतना आसान नहीं है। स्व. जोगी ने वर्ष 2013 के विधानसभा चुनाव में अपने पुत्र अमित जोगी को चुनाव मैदान उतारकर अपना लोहा मनवा लिया था। इधर स्वयं कांग्रेसी नेता इस बात को स्वीकार कर रहे कि जोगी परिवार का वोट भाजपा के पाले में अगर जाता है तो चुनाव जीतना आसान नहीं है।