महाराष्ट्र CM के खिलाफ टिप्पणी पर पुलिस के इस एक्शन से भाजपा खफा
नागपुर. महाराष्ट्र सरकार (Maharashtra Government) अभिव्यक्ति की आजादी का गला घोंटने में लगी है. मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) और उनके बेटे आदित्य ठाकरे (Aaditya Thackeray) के खिलाफ टिप्पणी करने के आरोप में गिरफ्तार सीमत ठक्कर (Sameet Thakkar) को पुलिस ने जिस अंदाज में अदालत में पेश किया, उससे यह साफ हो जाता है कि राज्य सरकार लोगों में खौफ पैदा करना चाहती है. ताकि फिर कोई सरकार या मुख्यमंत्री के खिलाफ कुछ लिखने-बोलने का साहस न दिखा पाए.
पुलिस हिरासत में भेजा
सीमत को 24 अक्टूबर को गिरफ्तार किया गया था और शुक्रवार को उन्हें नागपुर की अदालत में पेश किया गया. जहां से कोर्ट ने उन्हें दो नबंबर तक पुलिस हिरासत में भेज दिया है. इस मामले को लेकर भाजपा महाराष्ट्र सरकार पर हमलावर हो गई है. खासकर जिस अंदाज में सीमत ठक्कर की पेशी हुई, उसकी पार्टी नेताओं ने कड़ी निंदा की है.
आतंकियों जैसा सलूक क्यों?
दरअसल, सीमत को जब अदालत में पेश किया गया तो उनके हाथ बंधे हुए थे. उनका चेहरा काले रंग के कपड़े ढांककर उन्हें अदालत में लाया गया. सीमत के परिवार ने भी इस पर कड़ी आपत्ति जताई है. उसका कहना है कि सीमत के साथ आतंकियों के जैसा व्यवहार क्यों किया गया? सीमत के भाई ऋषि ने कहा कि महाराष्ट्र पुलिस ने उनके भाई के साथ आतंकियों जैसा सलूक किया. सीमत को ऐसे अदालत में लाया गया, जैसे कि किसी बड़े आतंकी को लाया जाता है.
भाजपा नेताओं ने बोला हमला
भाजपा सांसद वरुण गांधी (Varun Gandhi)ने सीमत का नागपुर कोर्ट में पेशी का वीडियो पोस्ट करके हुए राज्य सरकार पर निशाना साधा है. उन्होंने लिखा है, क्या सीमत ठक्कर कोई आतंकी हैं, कोई जानवर हैं या वह राष्ट्र के लिए कोई खतरा हैं कि उनसे इस तरह का व्यवहार किया जा रहा है? यह मानवीयता के हर सिद्धांत के खिलाफ है और गैरकानूनी है. हम सभी को इसके खिलाफ आवाज उठानी होगी’.
इसी तरह, पार्टी नेता संबित पात्रा (Sambit Patra) ने भी इस विषय में ट्वीट करके नाराजगी है. उन्होंने लिखा है, ‘महाराष्ट्र में यह क्या हो रहा है? सरकार के खिलाफ मात्र ट्वीट करने से सीमत ठक्कर को इस प्रकार आतंकवादियों की तरह ट्रीट किया जाएगा’?
क्या कहा था ठक्कर ने?
ट्विटर पर 4.38 लाख से अधिक फॉलोअर्स वाले सीमत ठक्कर ने महाराष्ट्र के सीएम उद्धव ठाकरे को ‘आधुनिक औरंगजेब’ और उनके बेटे आदित्य को ‘पेंगुइन बेटा’ करार दिया था. जिसके बाद उनके खिलाफ कई शिकायतें दर्ज की गईं. जिसके बाद पुलिस ने विभिन्न धाराओं में उनके खिलाफ केस दाखिल कर उन्हें गिरफ्तार कर लिया.