मानवता की अमूल्य धरोहर हैं बाबा गुरुघासीदास : डॉ. एसएन निराला


बिलासपुर. बाबा गुरु घासीदास जी की जयंती के उपलक्ष्य में मोर भुइयां फाउंडेशन बिलासपुर जिला के द्वारा राजा रघुराज स्टेडियम के सभागृह में विचार संगोष्ठी का आयोजन किया गया। जिसमें कार्यक्रम के मुख्य अतिथि के रूप में शासकीय बिलासा कन्या महाविद्यालय के प्राचार्य एस एन निराला सर मौजूद रहे एवं कार्यक्रम की अध्यक्षता सतनामी समाज के राज महंत प्रदेश प्रमुख बसंत अंचल  ने की अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में बसंत अंचल ने बताया कि बाबा गुरु घासीदास किसी समाज विशेष नहीं अपितु संपूर्ण मानवता के मार्गदर्शक हैं ,और उनके द्वारा बताए गए सत्य के मार्ग पर चलना ही मानवता को सभी मौजूद समस्याओं से निकाल सकता है । बाबा जी का संदेश स्पष्ट था वह उनकी नजरों में ना केवल मनुष्य बल्कि पशु भी समान थे और उन्होंने मानवता के साथ ही साथ पशुओं पर भी दया करने का संदेश दिया। आज अपने समय से 250 साल बाद भी बाबा घासीदास उतने ही प्रासंगिक है। जितने कि वे उस समय थे और ऐसे युगपुरुष हर समय हर युग में अपनी प्रासंगिकता बनाए रखते हैं। मुख्य अतिथि के रुप में आमंत्रित डॉ एसएन निराला  ने बाबा गुरु घासीदास जी के जीवन परिचय पर प्रकाश डालते हुए उनके जीवन से शिक्षा ग्रहण करने की बात बताते हुए युवाओं को बताया कि कैसे घासी दास जी का जन्म एक अत्यंत साधारण गरीब परिवार में हुआ। और उनके सामने जीविकोपार्जन भी एक बड़ा प्रश्न था । परंतु फिर भी यह समस्याएं उनके ज्ञान प्राप्ति के मार्ग पर अवरोध नहीं बन पाई और आज हम छोटी-छोटी समस्याओं को बहाना बना लेते हैं अपनी असफलताओं के लिए बाबा गुरुघासीदास ने मनखे-मनखे  एक समान की जो शिक्षा समाज को दी वह अत्यंत प्रासंगिक है । समाज में समानता लाने व आपसी सद्भाव बढ़ाने से ही समाज की प्रगति संभव है ।जिसकी शिक्षा बाबा घासीदास जी के विचारों से मिलती है. कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि के रूप में शुद्ध योग केंद्र की संचालिका योग गुरु मोनिका पाठक,अभाविप के पूर्व प्रदेश मंत्री सन्नी केसरी व निलय तिवारी  मौजूद रहे तथा कार्यक्रम का संचालन अंकित पाल ने किया। जिसमें शहर के युवाओं ने बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के पूर्व प्रदेश मंत्री सन्नी केसरी  ने इस मौके पर बताया कि प्रदेश के युवाओं के द्वारा मोर भुइयां फाउंडेशन की स्थापना की जा रही है जिसका विस्तार प्रदेश के हर एक जिले में हो चुका है और इस फाउंडेशन के माध्यम से देश, प्रदेश व समाज के महापुरुषों की जयंती मनाने,उनके विचारों को जनमानस तक पहुंचाने व समाज के युवाओं के मध्य राष्ट्रवाद की भावना का संचार करने का काम किया जाएगा. यह बेहद ही सुखद संयोग है कि हमारे इस प्रयास की शुरुआत हम अपने ही प्रदेश के महान संत,  मानवतावादी, सतनाम पंथ के प्रवर्तक बाबा गुरुघासीदास जी की जयंती से कर रहे हैं. बाबा गुरु घासीदास जी का संपूर्ण जीवन मानवता को समर्पित था और उन्होंने समाज में व्याप्त कुरीतियों के खिलाफ जमकर आवाज उठाई और उन्हें दूर करने का प्रयास भी किया. उनके द्वारा दिया गया शब्द सिद्धांत आज भी उतना ही प्रासंगिक है. कार्यक्रम मे निलय तिवारी ने बताया कि आज हम सत्य व अहिंसा को गांधी जी से जोड़कर देखते हैं और तब हम बाबा गुरु घासीदास जी को याद कर सकते हैं। जिनका संपूर्ण जीवन सत्य व अहिंसा के प्रचार में ही निकला घासीदास बाबा जी का चिंतन एक व्यवहारिक चिंतन था। और उन्होंने समस्या के मूल को पहचाना और समाज में मद्यपान, परस्त्रीगमन, चोरी, झूठ जैसी बुराइयों के त्याग का आह्वान करके समाज के सुधार का प्रयास किया।  कार्यक्रम के दौरान गिरजा शंकर यादव, आलिंद तिवारी, शरद चक्रवर्ती, प्रेम मानिकपुरी, वेदांश मिश्रा, अमन कुमार, रोचक गोरख, आशीष देशेर, हर्ष तिवारी, प्रतिक श्रीवास्तव, आशुतोष दीक्षित, सूरज राजपूत आदि मौजूद थे।

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