मुख्यमंत्री ने किया कुरदर हील ईको रिसार्ट का ई-लोकार्पण


बिलासपुर. जिले के कोटा विकासखंड के जनजाति बाहुल्य ग्राम कुरदर में छत्तीसगढ़ पर्यटन मंडल द्वारा बनाये गये हील ईको रिसार्ट का मुख्यमंत्री भूपेश बघेल द्वारा वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से लोकार्पण किया गया। ई-लोकार्पण समारोह में लोक निर्माण, गृह, जेल, धर्मस्व एवं पर्यटन मंत्री ताम्रध्वज साहू, संसदीय कार्य, विधि एवं विधायी कार्य, कृषि एवं जैव प्रौद्योगिकी, पशुपालन, मछली पालन, जल संसाधन एवं आयाकट मंत्री रविन्द्र चैबे, खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण, योजना, आर्थिक एवं सांख्यिकी तथा संस्कृति विभाग मंत्री श्री अमरजीत सिंह भगत, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी एवं ग्रामोद्योग मंत्री गुरू रूद्रकुमार, पर्यटन विभाग के संसदीय सचिव विकास उपाध्याय, विभाग के सचिव अन्बलगन पी. मोहन मरकाम आदि उपस्थित थे।


भारत सरकार के स्वदेश दर्शन योजना के ट्रायबल टूरिज्म सर्किल के अंतर्गत जिला मुख्यालय से लगभग 52 किलोमीटर दूर मैकल की पहाड़ियों में स्थित बैगा बाहुल्य ग्राम कुरदर में यह हील ईको रिसार्ट बनाया गया है। यह रिसार्ट लगभग साढ़े 4 करोड़ की लागत से निर्मित है। यहां बनाये गये 6 काॅटेज को ईको फ्रेंडली तरीके से निर्मित किया गया है। पारंपरिक सत्कार के साथ यहां पर्यटकों को बैगा समुदाय को करीब से जानने और प्रकृति के अद्भुत नजारों को देखने का मौका मिलेगा। मुख्यमंत्री ने कोंडागांव जिले में बनाये गये धनकुल एथनिक रिसार्ट और कबीरधाम जिले के बैगा एथनिक रिसार्ट सहोरा दादर का भी ई-लोकार्पण किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री श्री बघेल ने कहा कि रिसार्ट के निर्माण से पर्यटकों को सुविधा मिलेगी और पर्यटन को बढ़ावा तथा लोगों को रोजगार भी मिलेगा। केन्द्र सरकार द्वारा प्रदेश के 13 जनजाति क्षेत्रों में रिसार्ट की स्थापना की जा रही है। जिसके लिये 96 करोड़ की राशि स्वीकृत की गयी है। उन्होंने कहा कि कोरोना काल में लोगों का बाहर आना-जाना एवं पर्यटन बंद है। लेकिन छत्तीसगढ़ के लोग इन पर्यटन सुविधाओं का लाभ लेकर पर्यटन का आनंद उठा सकते हैं। उन्होंने बताया कि राज्य में स्थित राम वन गमन पथ के विकास को मूर्त रूप देने के लिये योजना बनाकर कार्य किया जा रहा है। पर्यटन मंत्री ताम्रध्वज साहू ने कहा कि प्रदेश में पर्यटन की अनंत संभावनाएं हैं। छत्तीसगढ़ सरकार ने इस पर ध्यान दिया है। पूरे प्रदेश में पर्यटन की संभावनाओं को नया स्वरूप दिया जा रहा है। राज्य के जनजाति क्षेत्रों में पर्यटन सुविधाएं विकसित की जा रही है। आभार प्रदर्शन करते हुए श्री अन्बलगन पी. ने कहा कि एथनिक और ईको पर्यटन को बढ़ावा देने के लिये यह रिसार्ट बनाया गया है। छत्तीसगढ़ में लोगों को पर्यटन के लिये पर्याप्त सुविधाएं मुहैया करायी जा रही है। उन्होंने कहा कि सभी पर्यटन स्थलों में सुविधाओं का विकास किया जाएगा। बिलासपुर में कलेक्टोरेट में वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से ई-लोकार्पण समारोह में कलेक्टर डाॅ.सारांश मित्तर, अतिरिक्त कलेक्टर बीएस उईके, टूरिस्ट अधिकारी श्री टोप्पो आदि उपस्थित थे।

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