मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान से जिले में कुपोषण को दूर करने मिल रही है सफलता

बिलासपुर. मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान के तहत बच्चों में कुपोषण व एनीमिया दूर करने के लिये छः माह से पांच वर्ष तक के कुपोषित बच्चों को आंगनबाड़ी केन्द्रों के माध्यम से मूंगफली, मुर्रा, तिल, चना व गुड़ से बने पौष्टिक लड्डुओं का वितरण किया जा रहा है। जिसके सकारात्मक परिणाम भी दिखने लगे है। अभियान के फलस्वरूप जिले में कुपोषित बच्चों की संख्या एक माह में 35 हजार 210 से घटकर 29 हजार 612 हो गई है। जिसमें 6 माह से 5 वर्ष के 26 हजार 816 बच्चांे को पौष्टिक लड्डू से लाभान्वित किया जा रहा है। कुपोषण व एनीमिया को जड़ से समाप्त करने के लिये यह अभियान तीन वर्ष तक संचालित किया जायेगा। मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान 2 अक्टूबर 2019 से प्रारंभ किया गया है। योजना के तहत आंगनबाड़ी में बच्चों को दिये जाने वाले आहार तालिका में पौष्टिक लड्डू भी शामिल किया गया है। जो उन्हें हफ्ते में 3 दिन दिया जा रहा है। इन लड्डुओं को छोटे बच्चे भी मजे से खाते हैं। जिससे कुपोषित बच्चों को सुपोषित बनाने में मदद मिल रही है। आदिवासी बाहुल्य विकासखंड कोटा में अभियान शुरू होने के माह भीतर सामान्य से कम वजन वाले बच्चों के वजन में इजाफा दर्ज किया गया है। परियोजना अधिकारी महिला एवं बाल विकास विभाग कोटा ने बताया कि उनके परियोजना के 13 सेक्टर में 720 बच्चे गंभीर और 3168 बच्चे मध्यम कुपोषित थे। एक माह में 69 बच्चे मध्यम से सामान्य और 15 बच्चे गंभीर से मध्यम स्थिति में आ चुके हैं। 3 गंभीर कुपोषित बच्चों को पोषण पुनर्वास सेंटर भेजा गया। जिसके बाद वे बच्चे सामान्य वजन स्तर तक पहुंचे। जोगीपुर सेक्टर में 72 बच्चे गंभीर व 209 मध्यम कुपोषित बच्चे हैं। इन बच्चों के वजन में भी आशाजनक सुधार देखा जा रहा है। ग्राम खुरदूर की गंभीर कुपोषित डेढ़ वर्ष की अदिती का वजन 1 माह में 1 किलो से ज्यादा बढ़ गया। वहीं 1 वर्ष की प्रतिभा का वजन आधा किलो बढ़ा। रजूती एवं भारती जिसकी उम्र 2 वर्ष है उसका वजन भी 1 किलो से ज्यादा बढ़ा है। मध्यम कुपोषित ढाई वर्ष की सोनाक्षी का वजन तो 5 किलो बढ़ गया है। वहीं ग्राम कृष्णावन की साढ़े तीन वर्ष की श्रेया के वजन में आधा किलो की वृद्धि हुई है। ये बच्चे अब सामान्य वजन वाले बच्चों की श्रेणी में आ चुके हैं। जिला महिला एवं बाल विकास विभाग अधिकारी ने बताया कि आंगनबाड़ी में बच्चों को अतिरिक्त पौष्टिक आहार के साथ परामर्श सेवाएं, आयरन, फोलिक एसिड, कृमिनाशक गोली प्रदान करने की व्यवस्था की गई है। इसके अलावा 15 से 49 आयुवर्ग की सभी महिलाआंे में एनीमिया का परीक्षण भी स्वास्थ्य विभाग द्वारा किया जा रहा है।