मोटापे पर भारी कोरोना संक्रमण, बढ़ते वजन संग बढ़ता है जान का खतरा

अब तक तो मोटापा केवल हमारी डेली लाइफ में दिक्कतें पैदा करता था, लेकिन अब इसकी वजह से कोरोना संक्रमण का खतरा भी बढ़ गया है। साथ ही संक्रमण होने के बाद मोटापे से ग्रसित लोगों को जान का खतरा भी अधिक देखने को मिल रहा है…

शरीर में जमा होता फैट और बढ़ता हुआ मोटापा डायबिटीज, हार्ट अटैक और जॉइंट्स पेन जैसी खतरनाक बीमारियों का कारण तो होता है, यह सब हम लोग जानते हैं। लेकिन इंग्लैंड में कोरोना संक्रमण के शिकार मरीजों में मोटापे के कारण एक अलग तरह की समस्या देखने को मिली। जिससे यह बात साबित हो रही है कि मोटापे से ग्रसित लोग यदि कोरोना की चपेट में आ जाएं तो उनकी जान को सामान्य वजनवाले लोगों की तुलना में कहीं अधिक खतरा होता है…

इंग्लैंड में जिस तरह से कोरोना संक्रमण के केस बढ़ रहे थे और लोगों को गंभीर हालत में वेंटिलेटर्स की जरूरत पड़ रही थी, उस स्थिति पर एक विस्तृत रिपोर्ट के बाद पब्लिक हेल्थ ऑफ इंग्लैंड की तरफ से कहा गया है कि जो लोग मोटापे से ग्रसित हैं, उनमें कोरोना वायरस के लक्षण अन्य मरीजों की तुलना में कहीं घातक स्तर पर देखे गए हैं। साथ ही ऐसे लोगों को इस वायरस का संक्रमण होने के बाद जान जाने का खतरा भी अन्य लोगों की तुलना में कहीं अधिक होता है।

पब्लिक हेल्थ ऑप इंग्लैंड के रिव्यू में यह बात भी सामने आई है कि कोरोना से जितने मरीज संक्रमित हुए हैं, उनमें से जिन लोगों को वेंटिलेटर की जरूरत पड़ी, उनमें मोटापे से ग्रसित लोगों की संख्या बहुत अधिक थी। इस बारे में सरकार की तरफ से जारी रिलीज के आधार पर माना जा रहा है कि आनेवाले समय में सरकार की तरफ से मोटापे पर नियंत्रण के लिए कुछ कड़े कदम उठाए जा सकते हैं।

बीबीसी की रिपोर्ट के अनुसार, पब्लिक हेल्थ ऑफ इंग्लैंड की चीफ न्यूट्रिशनिष्ट डॉक्टर एलिसन टेस्टोन का कहना है कि इस समय हमारे सामने जो सबूत हैं, उनके आधार पर यह बात एकदम साफ है कि मोटापा और बढ़ा हुआ वजन, कोरोना संक्रमण होने पर जानलेवा साबित हो सकता है। क्योंकि यह इस संक्रमण के कारण होनेवाली स्थितियों को और अधिक गंभीर बना देता है। इसके अतिरिक्त मोटापे और बढ़े हुए वजन के कारण जीवन को जो अन्य खतरे होते हैं, वे तो बने हुए हैं ही।

डॉक्टर एलिसन आगे कहती हैं कि वजन को नियंत्रित रखना सेहत के लिए कई तरीकों से लाभकारी होता है। साथ ही यह कोविड-19 के संक्रमण के दौरान सेहत के लिए होनेवाले घातक खतरों से भी बचाता है। हालांकि आज तक मोटापे पर नियंत्रण के लिए किसी तरह का ठोस कदम नहीं उठाया जा सका है। पूरे यूरोप में यूके के लोग सबसे अधिक मोटापे से ग्रसित हैं। वहीं, इंग्लैंड में वयस्कों की दो-तिहाई आबादी मोटापा और बढ़े हुए वजन से जूझ रही है।

Add a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!