मौलाना साद के दो करीबी रिश्तेदारों में कोरोना वायरस की पुष्टि, पूरा इलाका सील


सहारनपुर. कोरोना (Coronavirus) संकट के दौरान निजामुद्दी मरकज (Nizamuddin Markaz) में तबलीगी जमात कार्यक्रम में हजारों लोगों को इकट्ठा करवाने के आरोपी मौलाना साद (Maulana Saad) की मुश्किलें और बढ़ गई हैं. दरअसल, उसके दो रिश्तेदारों में कोरोना वायरस (Coronavirus) की पुष्टि हुई है. जानकारी के मुताबिक, मौलाना साजिद और मौलाना राशिद कोरोना पॉजिटिव मिले हैं. ये दोनों उत्तर प्रदेश के सहारनपुर जिले में रह रहे थे. मामले के सामने आने के बाद पूरे इलाके को सील कर दिया गया है.

आपको बता दें कि 4 अप्रैल को सहारनपुर में कोरोना का पहला मामला सामने आया था. इसके बाद 7 अप्रैल तक यहां 6 लोग कोरोना संक्रमित हो गए. 8 अप्रैल को 11, 11 अप्रैल को 20 और 13 अप्रैल तक यहां 44 लोग कोरोना संक्रमण के शिकार हो गए.

बताया जा रहा है कि मौलाना साजिद और मौलाना राशिद दोनों भाई हैं. दोनों 19 मार्च को सहारनपुर लौटे थे. ये दोनों फ्रांस से लौटे थे. इसके बाद निजामुद्दीन मरकज भी गए. दोनों ने ये जानकारियां छुपाईं. इस बीच दोनों ने कोरोना को लेकर लोगों से घरों में रहने की अपील की लेकिन ये नहीं बताया कि खुद विदेश से लौटे हैं. इनके विदेश से लौटने की जानकारी CDR से पता चली जसके बाद 7 अप्रैल को दोनों का कोरोना टेस्ट कराया गया. 13 अप्रैल को रिपोर्ट आने के बाद इलाके में हड़कंप मच गया.

फिलहाल पुलिस ने दोनों भाइयों पर Epedemic Act और IPC की धारा 269, 270, 271 के तहत मामला दर्ज कर लिया गया है. फिलहाल दोनों को इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है.

उधर, दिल्ली पुलिस ने तबलीगी जमात के मौलाना साद और बाकी आरोपियों के खिलाफ गैर इरादतन हत्या का मामला दर्ज कर दिया है. इस धारा के तहत अब मौलाना साद को कम से कम दस साल या उम्रकैद तक की सजा हो सकती है. पुलिस के मुताबिक ये धारा इसलिए लगाई गई है क्योंकि तबलीगी जमात में आए लोगों को कोराना हुआ और उसकी वजह से मौतें भी हुईं. ये कार्यक्रम मौलाना साद ने सरकार की मजूंरी के बिना किया था इसलिए इसमें गैर इरादतन हत्या की धारा जोड़ी गई है.

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