रमन सिंह के 15 साल के कार्यकाल में किसान विरोधी नीति एवं फैसलों के चलते हजारो किसानों ने आत्महत्या की : धनेन्द्र साहू


रायपुर. भाजपा के किसान आंदोलन पर प्रदेश कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष एवं अभनपुर विधायक धनेन्द्र साहू ने कहा है कि छत्तीसगढ प्रदेश को बीते 15 वर्षों से सत्ता संभाले पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह जी के कार्यकाल में किसान विरोधी नीति एवं फैसलों के चलते हर साल हजारों किसानों ने आत्महत्या की थी और अब वे किस मुंह से किसानों से धान खरीदी के विषय में मांग कर रहे हैं। अपने शासनकाल में घोषणा पत्र के वादे को कचरे में फेंकते हुए मात्र 10 क्विंटल धान खरीदी का निर्णय लिए थे, वे तो कांग्रेस के आंदोलन के कारण विवश होकर 15 क्विंटल धान खरीदी किया गया। केंद्र में बैठी उनकी भाजपा सरकार द्वारा जब छत्तीसगढ़ शासन के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने किसानों के धान को 2500 रु. प्रति क्विंटल में धान खरीदी का निर्णय लिया तो छत्तीसगढ़ से बोनस दिए जाने की स्थिति में केन्द्रीय पुल से चावल खरीदी नहीं करने का आदेश दिया गया था। तब डॉ. रमन सिंह ने और भाजपा के नेताओं ने केन्द्र शासन से छत्तीसगढ़ राज्य के किसानों के हित में केंद्रीय पूल में समर्थन मूल्य में खरीदी किए गए धान के पूरे चावल को खरीदी किए जाने क्यों आवाज नहीं उठाई?

प्रदेश कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष एवं अभनपुर विधायक धनेन्द्र साहू ने कहा है कि वर्ष 2013 के विधानसभा चुनाव में 300 रु. प्रति क्विंटल बोनस और 2100 रु. प्रति क्विंटल समर्थन देने का संकल्प लेने और मुकरने वाली भाजपा आज किस मुंह से वादा खिलाफी की बातें कर रही हैं? वर्ष 2013 में किए गए वादों को 7 वर्ष से अधिक हो गया है परंतु केंद्र की भाजपा सरकार द्वारा धान का समर्थन मूल्य 1815 रू. प्रति क्विंटल कर सकी है इसके लिए छत्तीसगढ़ के भाजपा के नेता गण आवाज क्यों नहीं उठाते?

प्रदेश कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष एवं अभनपुर विधायक धनेन्द्र साहू ने कहा है कि डॉ. रमन सिंह अपने गिरेबान में झांक कर देखें उनके कुशासन के चलते छत्तीसगढ़ में लाखों एकड़ खेत किसानों ने खेती में खेती में घाटे के कारण बेचने विवश हुये। लाखों किसान भूमिहीन मजदूर बन गए। खेती किसानी घाटे का कम हो गया था। खेती का रकबा घट गया था। हर बरस हजारों किसानों ने कर्ज के बोझ में आत्महत्या की। उस समय किसानों की चिंताएं इन्हें नहीं हुयी। भाजपा के नेताओं को किसानों के बारे में कहने की नैतिक अधिकार नहीं है।

Add a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!