राज्य शासन द्वारा जिले के निजी अस्पतालों में कोविड-19 के इलाज के लिये दर का निर्धारण

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बिलासपुर. राज्य शासन ने जिले के निजी अस्पतालों में कोविड-19 मरीजों के इलाज के लिए दर का निर्धारण किया है। निजी अस्पतालों में कोविड-19 के इलाज में होने वाला व्यय मरीज को स्वयं वहन करना होगा। निजी अस्पतालों में उपलब्ध सुपरस्पेश्यालिटी सुविधाओं के आधार पर इन्हें तीन श्रेणियों में बांटा गया है। बिलासपुर जिले के अस्पतालों को ए श्रेणी में रखा गया है।

आदेश के अनुसार जिले में एन.ए.बी.एच. (National Accreditation Board of Hospitals) मान्यता प्राप्त निजी अस्पतालों में मॉडरेट स्थिति वाले मरीजों के इलाज के लिए प्रतिदिन 6200 रूपए का शुल्क निर्धारित किया गया है। इसमें सर्पोर्टिव केयर आइसोलेशन बेड के साथ आक्सीजन एवं पीपीई किट की सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी। गंभीर स्थिति वाले मरीजों के उपचार के लिए रोजाना 12 हजार रूपए का शुल्क निर्धारित किया गया है। इसमें वेंटिलेटर केयर के बिना आईसीयू और पीपीई किट शामिल है। अति गंभीर मरीजों के इलाज के लिए 17 हजार रूपए प्रतिदिन की दर निर्धारित की गई है। इसमें वेंटिलेटर केयर के साथ आईसीयू (इनवेसिवध्नॉन-इनवेसिव) एवं पीपीई किट शामिल है। वहीं एन.ए.बी.एच. से गैर मान्यता प्राप्त निजी अस्पतालों के लिए मॉडरेट, गंभीर और अति गंभीर मरीजों के इलाज के लिए प्रतिदिन 6200 रूपए, दस हजार रूपए एवं 14 हजार रूपए का शुल्क निर्धारित किया गया है।

 

कोविड-19 का इलाज करने वाले अस्पतालों को डॉक्टरों एवं अन्य मेडिकल स्टॉफ के क्वारेंटाइन के लिए राज्य शासन द्वारा जारी दिशा-निर्देशों का पालन सुनिश्चित करना होगा। साथ ही स्वास्थ्य विभाग एवं आईसीएमआर द्वारा जारी दिशा-निर्देशों का पालन भी अनिवार्य होगा। इन नियमों एवं दिशा-निर्देशों के उल्लंघन पर नियमानुसार कार्यवाही की जाएगी। राज्य शासन द्वारा निजी अस्पतालों में कोरोना संक्रमितों के इलाज के लिए यह आदेश एपेडेमिक डिसीज एक्ट-1897, छत्तीसगढ़ पब्लिक एक्ट-1949 तथा छत्तीसगढ़ एपिडेमिक डिसीज कोविड-19 रेगुलेशन-2020 के तहत जारी किया गया है। इस आदेश का उल्लंघन इन नियमों के अंतर्गत दंडनीय होगा।

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