जानकारों के मुताबिक, अंतरराष्ट्रीय स्तर के इस अत्याधुनिक प्राकृतिक चिकित्सा केंद्र (योगग्राम) की स्थापना बाबा रामदेव ने सन 2009 में की थी. यहां चार सौ लोगों को एक साथ प्राकृतिक चिकित्सा लेने का इंतजाम था. सन 2009 में इसकी स्थापना पर करीब 70 करोड़ से ज्यादा खर्च आया था. गनीमत यह रही कि लॉकडाउन की संभावना के चलते दो दिन पहले ही इस योगग्राम में मौजूद सैकड़ों लोगों को वहां से हटा लिया गया था, वरना आज हालात और ज्यादा भयावह हो सकते थे.
रामदेव के प्राकृतिक चिकित्सा केंद्र में आग, करोड़ों का नुकसान
हरिद्वार. बाबा रामदेव के प्राकृतिक चिकित्सा केंद्र में रविवार रात भीषण आग लग गई. आग में पूरा चिकित्सा केंद्र जलकर खाक हो गया. साल 2009 में बाबा रामदेव ने इस अत्याधुनिक और अंतर्राष्ट्रीय स्तर के चिकित्सा केंद्र को 70 करोड़ की लागत से बनाया था.
आग जंगल से आई चिंगारी से लगी मानी जा रही है. रविवार रात आईएएनएस से फोन पर बात करते हुए बाबा रामदेव के प्रवक्ता एस.के. तिजारावाला ने घटना की पुष्टि की है. साथ ही बाबा रामदेव के सहयोगी आचार्य बालकृष्ण ने अपने ट्विटर हैंडल पर भी हादसे की पुष्टि की है. जानकारी के मुताबिक, ‘आग हरिद्वार के योगग्राम स्थित प्राकृतिक चिकित्सा केंद्र में रविवार रात करीब आठ बजे लगी.’
प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया, आग संभवत: जंगल में इन दिनों लगी आग की चिंगारी पहुंचने से लगी है क्योंकि, जंगल और रामदेव के योगग्राम में ज्यादा फासला नहीं है. प्राकृतिक चिकित्सा केंद्र में आग की शुरूआत पहले कुछ कॉटेज से हुई. जब तक आग लगने का पता लगा तब तक आग पूरे योगग्राम में फैल गई. आनन-फानन में घटना स्थल पर दमकल की गाड़ियां पहुंची. मगर आगर बुझाने के सभी प्रयास विफल रहे. देर रात करीब साढ़े नौ बजे सब कुछ जलकर खाक हो चुका था.
बाबाराम देव के प्रवक्ता तिजारावाल ने भी स्वीकार किया कि आग में पूरा योगग्राम आश्रम स्थित प्राकृतिक चिकित्सा केंद्र जलकर खाक हो गया. अब दमकल कर्मी सिर्फ आग और राख को शांत करने में लगे हैं. सब कुछ तबाह हो चुका है.
अपने ट्विटर हैंडल पर रामदेव के सहयोगी और प्राकृतिक चिकित्सा केंद्र के सर्वे-सर्वा बालकृष्ण ने भी एक वीडियो पोस्ट की है, जिसमें दिखाई दे रहा है कि आग कितनी भीषण थी. आग की आसमान छूती लपटें किसी को भी डराने के लिए काफी थीं.
आग की भयावहता को देखकर काफी देर तक स्थानीय दमकल सेवा कर्मियों की भी हिम्मत जवाब दे गई थी. वे मौके पर पहुंचते ही समझ चुके थे कि योगग्राम में घास-फूंस से बनाई गई खुबसूरत झोपड़ियां कागज की मानिंद जलकर खाक में मिल चुकी हैं. हालांकि इस बाबत अभी पुलिस में कोई शिकायत नहीं दी गई है.