रेल परिचालन में महिला रेल कर्मचारियों की है महत्वपूर्ण भूमिका
बिलासपुर. नारी की समानता ही देश और समाज की प्रगति का आधार है। यह बिलकुल एक हकीकत है क्यांकि बिना नारी की प्रगति के समाज की प्रगति की कल्पना बेमानी है। हमारे समाज में कहा भी जाता है कि अगर एक पुरुष शिक्षित होता है तो सिर्फ एक ही व्यक्ति शिक्षित होता है, लेकिन अगर एक महिला शिक्षित होती है तो पूरा परिवार शिक्षित होता है। समानता की पथ की ओर अग्रसर इस अटूट कड़ी को मजबूती प्रदान करने हेतु भारतीय रेलवे समस्त महिला कर्मियों एवं महिला रेल यात्रियों के प्रति प्रतिबद्व है । भारतीय रेल के सुरक्षित एवं संरक्षित परिचालन में भी महिला रेलवे कर्मचारियों की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है। भारतीय रेलवे में महिलाएं अलग-अलग विभागों में महत्वपूर्ण कार्यो को अंजाम दे रही चाहे वह ड्राइवर के रुप में रेल चालन हो, गार्ड, इंजीनियर, टीटीई, ट्रेक मेंटेनर, आरपीएफ या स्टेशन मास्टर सभी कार्यो को महिलाएं भलीभांति अंजाम दे रही है । दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे में भी वर्तमान में 3175 महिलाएं कार्यरत है जिसमें राजपत्रित पदों पर 33 तथा अराजपत्रित पदों पर 3142 शमिल है। दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे में 75 महिला ड्राइवर, 09 गार्ड, 13 स्टेशन मास्टर एवं सहयक स्टेशन मास्टर, 37 सुपरवाइजर, 429 ट्रैक मेंटेनर, 100 आरपीएफ तथा 352 मेडिकल सहित 2127 अन्य विभागों में भी महिलाएं अलग-अलग सेवाएं दे रही है । महिला कर्मचारियों की सुविधा का भी रेल प्रशासन बराबर ध्यान रखती है। दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे में महिलाओं के स्वास्थ्य के लिए समय-समय पर हेल्थ चेक अप कैम्प आयोजित किये जाते हैं। अभी हाल ही में महिलाओं की सुविधा के लिए तीनों मंडलो एवं मुख्यालय में सैनिटरी नैपकिन वेंडिंग मशीन स्थापित किये गये है। महिला कर्मचारियों की समस्याओं व शिकायतों के निवारण के लिए महिलाओं की समिति भी गठित की गई है ।
इसके साथ ही साथ भारतीय रेलवे के द्वारा महिला रेल यात्रियों को अनेको सुविधाएं दी जाती हैं, जिसमें ये प्रमुख सुविधायें शामिल है :- 58 वर्ष से अधिक उम्र की महिलाओं को आरक्षित श्रेणियों की यात्रा टिकटों में 50 प्रतिशत की छुट दी जाती है। लंबी दूरी की मेल/एक्सप्रेस ट्रेनों में 6 स्लीपर क्लास की बर्थ अकेले यात्रा कर रही महिलाओं या महिलाओं के समूह के लिए रखी जाती है। सभी ट्रेनों के प्रत्येक स्लीपर कोचों में 6 बर्थ तथा वातानूकुलित-3 व वातानूकुलित-2 श्रेणियों में 3 लोवर बर्थ सिनीयर सिटीजन, महिलाएं जिनकी उम्र 45 वर्ष या इसके उपर हो तथा गर्भवती महिलाओं के लिए सुरक्षित रखी जाती है तथा दुरंतो एवं राजधानी के वातानूकुलित-3 श्रेणी के कोचो में भी 4 लोवर बर्थ सुरक्षित रखी जाती है । महत्वपूर्ण स्टेशनों में महिलाओं के लिए अलग प्रतीक्षालय, स्टेशनों में महिलाओं के लिए अलग प्रसाधन, महिला जिनके साथ नवजात शिशु है, उनके लिए बेबी फीडिंग कार्नर के साथ ही साथ ट्रेनों में महिलाओं के लिए अनारक्षित श्रेणी के कोच तथा कोच के हिस्सों को महिलाओं के लिए आरक्षित व महिलाओं की अधिक भीड़भाड़ वाले शहरों में महिला स्पेशल गाड़ियां भी चलाई जाती है। महिलाओं के लिए आरक्षित सीटों से बचे बर्थो को महिला यात्रियों को ही अलाट की जाती है। महिला रेल यात्रियों की सुरक्षा के लिए रेलवे के द्वारा टोल फ्री महिला हेल्पलाइन नंबर 182 भी जारी की गई है । अंराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे के तीनों मंडलो में महिलाओं से संबन्धित सेमिनार, थीम रन, ड्राइंग कांपिटीशन, नुक्कड़ जैसे अनेकों कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे है ।