रेल सुरक्षा बल की मदद से दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे के विभिन्न स्टेशनों में सुरक्षा की निगरानी

बिलासपुर. दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे के तीनो मंडलों के सैकड़ों स्टेशनों में प्रतिदिन हजारों की संख्या में यात्री एक स्थान से दूसरे स्थानों के लिए यात्रा करते है। प्रतिदिन यात्री रेल के द्वारा सफ़र करने के लिए स्टेशनों में पहुचते है और उनके सामान एवं बच्चों सहित सभी यात्रियों की सुरक्षा की व्यवस्था को बनाए रखने की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी रेल सुरक्षा बल के जवानो के ऊपर रहती है, जिसके लिए वे चौबीसों घंटों निगरानी में तैनात रहते है। इस काम को सुचारू रूप से करने के लिए रेल सुरक्षा बल के जवानो द्वारा स्टेशनों के चप्पे चप्पे पर अपने जवानो को तैनात करते है इसके साथ ही स्टेशनों में लगे हुए सीसीटीवी कैमरा के द्वारा भी एक-एक गतिविधियों पर नज़र रखी जाती है। दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे के तीनो मंडलों के रेल सुरक्षा बल के द्वारा यात्रियों की शत-प्रतिशत सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए 17 महत्वपूर्ण स्टेशनों में 420 सीसीटीवी कैमरे लगाये गए है, जिनकी मदद से स्टेशनों के प्लेटफार्मों एवं पूरे स्टेशन परिसरों पर नज़र रखी जाती है। सीसीटीवी कैमरे की मानीटरिंग में किसी भी प्रकार के संदेहास्पद व्यक्ति या घटना के सामने आते ही तुरंत ही उस पर संज्ञान लेते हुए कार्यवाही की जाती है। दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे द्वारा सुरक्षा के लिए 420 सीसीटीवी कैमरा विभिन्न 17 स्टेशनों में लगाये गए है। बिलासपुर मंडल 5 महत्वपूर्ण स्टेशनों में 118 सीसीटीवी कैमरा लगाये गए है, इसी प्रकार रायपुर रेल मंडल 107 सीसीटीवी कैमरा लगाये गए है एवं नागपुर मंडल के 9 महत्वपूर्ण स्टेशनों में 107 सीसीटीवी कैमरे लगाये गए है। इसी प्रकार रेल सुरक्षा बल के द्वारा अप्रेल से सितम्बर, 2019 तक तीनों रेल मंडलो बिलासपुर, रायपुर एवं नागपुर में हेल्प लाईन नम्बर 182 से प्रतिदिन सैकडों रेल यात्रियों को मदद मिलती है। अनेक यात्री गाडियों में रेलवे यात्रियों के द्वारा जल्द बाजी एवं भूलवश अपना सामान एवं बैग भूल जाते है, रेलवे सुरक्षा बल के द्वारा 700 से अधिक रेल यात्रियों का सामान सही सलामत वापस किया गया। इसी प्रकार 73 टिकट दलालों की गिरफ्तारी की गयी, रेल सुरक्षा बल के द्वारा 341 चोरी के मामले पकडे गये। सुरक्षा विभाग के द्वारा विभिन्न रेलवे स्टेशनों में 5850 अनाधिकृत वेन्डोरों को पकडकर नियत्रित किया गया, साथ ही साथ इस विभाग द्वारा 6 माह में 400 अधिक बच्चों सुरक्षित बचाकर सुपुर्द किया गया है।