रॉबर्ट वाड्रा के करीबी ललित नागर के घर तीसरे दिन भी इनकम टैक्स की छापेमारी


नई दिल्ली. कांग्रेसी नेता ललित नागर (Lalit Nagar) पर इनकम टैक्स (Income Tax) की छापेमारी तीसरे दिन भी जारी है. सूत्रों के मुताबिक 3 मार्च को सवेरे 6 बजे शुरू हुई इस छापेमारी में इनकम टैक्स को काफी अहम जानकारियां मिल रही है. हालांकि एक साथ करीब 12 ठिकानों पर शुरू हुई ये छापेमारी अब 7 जगहों पर चल रही है. ललित नागर फरीदाबाद के तिगांव से कांग्रेस के पूर्व विधायक है और राहुल गांधी और रॉबर्ट वाड्रा के काफी करीबी माने जाते है. ललित नागर का भाई महेश नागर रॉबर्ट वाड्रा के लिये जमीनों का कारोबार देखता है.

इनकम टैक्स (Income Tax) की इस छापेमारी में माना जा रहा है कि एजेंसी को रॉबर्ट वाड्रा से जुड़ी जानकारी भी हाथ लग सकती है क्योंकि इस छापेमारी में ललित नागर के भाईयों के घर को भी शामिल किया गया है.

आखिर कैसे होती है इनकम टैक्स की छापेमारी
इनकम टैक्स की टीम जब भी छापेमारी करती है तो इस बात का पुरा ख्याल रखती है कि जिस पर छापेमारी करनी है उस तक छापे से पहले किसी तरह की जानकारी ना पहुंचे, इसलिये छापे में शामिल टीम तक को इस बात की जानकारी नहीं होती कि कब, कहां और किस पर ये छापेमारी की जानी है.

जब भी इनकम टैक्स की टीम छापे वाली जगह पर पहुंचती है तो उस जगह को पूरी तरह से अपने कब्जे में ले लेती है, घर में मौजूद किसी भी सदस्य को बाहर जाने की अनुमति नहीं होती, सभी फोन बंद कर दिये जाते है और किसी से संपर्क करने की अनुमति नहीं होती.

एक-एक सामान का होती है तलाशी
इनकम टैक्स की टीम छापेमारी के दौरान घर में मौजूद एक-एक सामान की तलाशी लेती है और सारे दस्तावेजों को खंगालती है. दरअसल इनकम टैक्स ये छापेमारी तभी करती है जब उसे इस बात की जानकारी होती है कि आरोपी ने टैक्स चोरी की है, या बेनामी संपति है और उसके सबूत उसने अपने घर या दूसरे ठिकानों पर छिपा रखे है. यहीं वजह है कि इनकम टैक्स की टीम आरोपी के साथ-साथ उसके जितने जानने वाले या रिश्तेदारों के घर पर भी छापेमारी करती है, क्योकिं कई बार आरोपी अहम जानकारी अपने जानकार,दोस्त या कर्मचारियों के घर पर छिपा कर रखता है.

इनकम टैक्स की ये छापेमारी कई-कई दिनों तक चलती है और जब तक सभी दस्तावेजों की तलाशी नहीं हो जाती तब तक किसी को भी कहीं जाने की अनुमति नहीं होती और ना ही किसी से संपर्क कर सकते है.

इनकम टैक्स की टीम छापेमारी के बाद बरामद सबूतों को अपने साथ ले जाती है और फिर उसकी अच्छे से जांच पड़ताल कर कारवाई करती है. पहले इनकम टैक्स बरामद सबूतों के आधार पर टैक्स चोरी के मामले में सिर्फ जु्र्माना लगा टैक्स चोरी की भरपाई करती थी या कोर्ट में कारवाई करती थी, लेकिन नये कानून ब्लैक मनी एक्ट के तहत इनकम टैक्स विभाग कारवाई कर आरोपी को गिरफ्तार भी कर सकती है.

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