पहले रोटी बैंक और अभी बाढ़ पीड़ितों के लिए किया मेडिसिन बैंक का गठन


कुछ दिनों पहले कोरोना महामारी के चलते कई लोगों की नौकरी नहीं रही तो कहीं कुछ और समस्याएं थी। इसी बीच नोयडा/ग्रेटर नोयडा की कुछ सोसायटियों ने मिलकर नोयडा प्राधिकरण के साथ रोटी बैंक का गठन किया था। अभी जब कि लोग कोरोना के मार से जूझ रहे है उधर बीच भारत के कुछ राज्यों में बाढ़ की स्तिथि है, जिसमें असम और बिहार को काफ़ी नुकसान पहुचा है। लगभग 40 लाख से ज्यादा लोग प्रभावित हुए हैं, 150 से ज्यादा लोगों की जान चली गयी है तो कई बेसहारा हो गये हैं। बाढ़ पीड़ितों को जल्द से जल्द मदद पहुचाने के उद्देश्य से नोयडा/ग्रेटर नोयड़ा (वेस्ट) के कुछ लोग तुरंत आगे आए और दवा के माध्यम से मदद करने की ठानी। शुरुआत नोयडा के विभिन्न सोसाइटी से हुई, उनमें लोटस, पानाचे से प्रणब जे पटर,असोस्टेक से गिरीराज बहेडिया, अंतरिक्ष गोल्फ व्यू 2 से ब्रजेश शर्मा, समृद्धि ग्रैंड नोयडा एक्सटेंशन से दुर्गा सुभ्रमन्यम, शताब्दी विहार से अंजलि सचदेवा, एटीएस वन हैम्लेट से मधु जी, प्रतीक विस्ट्रिया से अमित गुप्ता, महागुन मॉडर्न से इंद्राणी मुखर्जी,गुलशन इकबाना से संगीत शुक्ला,एक्सओटिका से हिमांशु मिश्रा, सन्शायन हिलेओस से आलोक श्रॉफ़, हाइड पार्क से अजय का सहयोग मिला रहा है। सभी लोग दवाइयां अपने में सुरक्षा गार्ड के पास रखवा देते है और फिर बाद में सदस्यों द्वारा एकत्रित की जाती है। दवाइयां साधारण बीमारियों के लिए होने चाहिए और 6 महीने से ज्यादा का एक्सपायरी होना चाहिए। खास कर बुखार, खासी, चर्म रोग, चोट लगने के दवा,डायरिया, एंटीबायोटिक, स्किन ऑइंटमेंट,लिवर सिरप होनी चाहिये। अब इंटरनेट पे ट्वीटर के माध्यम से भी लोग लगातार इस मुहिम से जुड़ रहे है और दवाइयां मिल रही है। दवाई का पहला लॉट मोरीगांव असम के लिए इसी हफ़्ते भेजा जायेगा जहाँ सेवानिवृत्त डॉक्टर्स की मदद से जरूरतमंदो तक पहुँचाई जायगी। आगे इस मदद को अन्य राज्यों जैसे बिहार के बाढ़ पीड़ित लोगों तक पहुचाने का प्रयास किया जायगा।इस मुहिम में मुकेश कुमार वैश्य वरिष्ठ प्रबंधक नोयडा प्राधिकरण का भी भी शुरू से सहयोग मिल रहा है।

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