रोहिंग्या शरणार्थी शिविर में गैंगवार, नशे के कारोबार और मानव तस्करी से जुड़ रहे तार
ढाका. शरणार्थी कैंप रह रहे रोहिंग्या मुसलमानों (Rohingya) में गैंगवार छिड़ गई. गैंगवार दक्षिणी बांग्लादेश में रोहिंग्या शरणार्थी शिविरों में हुई. स्थानीय पुलिस और सामाजिक कार्यकर्ताओं के मुताबिक हथियारबंद समूहों के बीच यह गैंगवार (Rohingya Gang war) हुआ है. सभी आपराधिक पृष्ठभूमि के बताए जा रहे हैं. इस टकराव के चलते हजारों लोग दहशत में पलायन कर गए वहीं आठ लोगों के मारे जाने की सूचना आ रही है.
सबसे बड़े शरणार्थी शिविर में दहशत
पुलिस ने गोलाबारी, आगजनी और अपहरण की घटनाओं के बाद 12 लोगों को गिरफ्तार किया है. ये लोग यहां अपने-अपने प्रभुत्व के लिए संघर्ष कर रहे हैं. यह दुनिया का सबसे बड़ा शरणार्थी शिविर है, जहां एक लाख से अधिक लोग रहते हैं.
स्थिति तनावपूर्ण
कॉक्स बाजार इलाते के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक रफीकुल इस्लाम ने कहा, ‘इलाके में स्थिति तनावपूर्ण है. दो समूह क्षेत्र में अपना प्रभुत्व स्थापित करने की कोशिश कर रहे हैं. इनकी ड्रग और मानव तस्करी में शामिल होने की जानकारी भी मिल रही हैं.’
तस्करी का केंद्र है इलाका
वारदात वाला क्षेत्र methamphetamine ड्रग की तस्करी की केंद्र है, जो ज्यादातर म्यांमार में सीमा पार निर्मित होती है. वहा से तस्करी की जाती है. बीते वर्षों में भी यहां ऐसी घटनाएं होती रही हैं. 2018 से अब तक 100 से अधिक रोहिंग्या मारे गए हैं. नाम न छापने की शर्त पर तीन शरणार्थियों ने लड़ाई के पीछे ‘मुन्ना’ गिरोह के दो समूहों को बताया. ये कुख्यात स्थानीय ड्रग तस्कर गैंग है साथ ही हथियारों की तस्करी भी करते हैं. यह सशस्त्र गैंग है. शिविरों और शरणार्थियों के अपहरण और हमलों को अंजाम देते हैं.