लंदन में प्रदर्शनकारी महात्मा गांधी की प्रतिमा को बना सकते हैं निशाना, सुरक्षा बढ़ी


लंदन. अश्वेत अमेरिकी जॉर्ज फ्लॉयड (George Floyd) की हत्या के बाद दुनिया भर में प्रदर्शन हो रहे हैं. इस दौरान बीते दिनों प्रदर्शनकारियों ने पार्लियामेंट स्क्वायर पर लगी विंस्टन चर्चिल (Winston Churchill) की प्रतिमा को नुकसान पहुंचाया था. जबकि ब्रिस्टल में 17वीं शताब्दी के व्यापारी एडवर्ड कॉलस्टोन की मूर्ति को नदी में फेंक दिया गया था. अब एक बार फिर से प्रदर्शनकारी जुटने जा रहे हैं. इसे देखते हुए विंस्टन चर्चिल के साथ ही महात्मा गांधी (Mahatma Gandhi) की प्रतिमा की सुरक्षा बढ़ा दी गई है.

ब्रिटिश प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन (Boris Johnson) ने शुक्रवार को विरोध के इस अंदाज पर नाराजगी जताई. उन्होंने इसे बेतुका और शर्मनाक करार दिया. उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा, ‘यह बेहद शर्मनाक है कि आज राष्ट्रीय स्मारक पर प्रदर्शनकारियों के हमले का खतरा मंडरा रहा है’. उन्होंने आगे लिखा कि हां, उन्होंने (विंस्टन चर्चिल) ने कभी-कभी ऐसी राय व्यक्त की होगी जो आज हमारे लिए अस्वीकार्य है, लेकिन वह एक नायक थे, और वह पूरी तरह से अपने लिए एक स्मारक के हकदार हैं. हम अतीत को संपादित या सेंसर नहीं कर सकते. हम एक अलग इतिहास होने का दिखावा नहीं कर सकते.

इस बीच, लंदन में अधिकारियों ने आगामी प्रदर्शन के मद्देनजर महात्मा गांधी और चर्चिल की प्रतिमाओं की सुरक्षा बढ़ा दी है. संसद के बाहर चर्चिल की प्रतिमा के चारों ओर एक सुरक्षात्मक प्लाईवुड स्क्रीन लगाई गई है. वहीं, पार्लियामेंट स्क्वायर पर लगी महात्मा गांधी की प्रतिमा को भी कवर किया गया है. महापौर कार्यालय ने पुष्टि की कि हिंसक प्रदर्शन को देखते हुए जिन स्मारकों की सुरक्षा बढ़ाई गई है, जिसमें महात्मा गांधी की प्रतिमा भी शामिल है. गौरतलब है कि बीते दिनों हुए प्रदर्शन के दौरान प्रदर्शनकारियों ने चर्चिल की प्रतिमा को नुकसान पहुंचाया था और उस पर लिख दिया था कि चर्चिल नस्लभेदी थे.

2015 में लगी थी प्रतिमा
महात्मा गांधी की प्रतिमा 2015 में लंदन के पार्लियामेंट स्क्वायर पर लगाई गई थी. ब्रिटेन के तत्कालीन प्रधानमंत्री डेविड कैमरन और तत्कालीन भारतीय वित्तमंत्री अरुण जेटली ने प्रतिमा का अनावरण किया था. गांधी पहले भारतीय और किसी भी पद पर न रहने वाले ऐसे पहले व्यक्ति हैं जिनकी मूर्ति यहां लगाई गई है.

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