देखें वीडियो : लॉकडाउन के नियमों का पालन कर सहयोग करें – शैलेश पांडे
बिलासपुर. नगर विधायक श्री शैलेश पांडे ने शहर की जनता के नाम संदेश जारी करते हुए लोगों से अपील की है कि वे लॉक डाउन के नियमों में 23 अप्रैल से किए गए परिवर्तनों के साथ सहयोग करें। और बहुत जरूरी हो, तभी घरों से बाहर निकलें। श्री पांडे ने कहा कि 20 अप्रैल से लाक डाउन के नियमों में मिली छूट के दौरान, इतनी बड़ी संख्या में लोग, शहर की सड़कों और बाजारों में निकल गए। जिसे देख चिंता होने लगी। शहर के लोगों ने लॉकडाउन की शुरुआत से ही अपने-अपने घरों में रहकर अनुशासित तथा स्वस्फूर्त ढंग से लाक डाउन के नियमों का पूर्णरूपेण पालन किया। इसके कारण ही कोरोनावायरस के संक्रमण की आशंका से बिलासपुर निस्संदेह सुरक्षित होने लगा है। लेकिन 20 अप्रैल को मिली छूट के बाद जिस तरह बहुत बड़ी संख्या में लोग सड़कों पर दिखाई देने लगे। उससे हम सबको और शासन- प्रशासन को काफी चिंता होने लगी। लिहाजा आज 23 अप्रैल से लाकडाउन के नए नियम लागू किए गए हैं। जिनके तहत बिलासपुर जिले में अब साग-सब्जी की दुकानों तथा किराना दुकानों को खोलने की समय सीमा सुबह 7 बजे से दोपहर 1 बजे तक ही सीमित कर दी गई है। सभी से आग्रह है कि इसका पूरी तरह पालन करते हुए घरों से बिल्कुल भी ना निकलें। वहीं रविवार एवं बुधवार को सुबह से रात तक बिलासपुर राजस्व जिले की सीमा में संपूर्ण लॉक डाउन लागू करने का जो निर्णय लिया गया है। उसमें भी सहयोग करें तथा नियमों का पालन करें। और जब तक बहुत जरूरी ना हो तब तक अपने घरों से बाहर न निकलें।
जिन परिवारों के बच्चे राजस्थान कोटा में हैं वह जरा भी चिंता ना करें। उनके बच्चों के लिए हम हैं ना
बिलासपुर के शहर विधायक श्री शैलेश पांडे ने उन परिवारों को अपने बच्चों की चिंता नहीं करने के लिए कहा है, जिनके बच्चे पढ़ने के लिए राजस्थान कोटा गए हुए हैं। और लॉक डाउन के कारण वहां से बिलासपुर वापस नहीं आ पा रहे हैं। विधायक श्री पांडे ने इन बच्चों के परिजनों से अपने संदेश में कहा कि बिलासपुर जिला प्रशासन के पास ऐसे 143 बच्चों की सूची आ चुकी है, जो इस समय कोटा राजस्थान में रह रहे हैं। इन बच्चों को वहां से वापस लाने के लिए जिला प्रशासन और प्रदेश शासन निरंतर प्रयासरत है।( देखें वीडियो)प्रशासन इस बात की व्यवस्था कर रहा है कि इन बच्चों को लाने के लिए कितनी बसें…? और किस तरह से कोटा भेजी जांए..? श्री पांडे ने ऐसे परिजनों को आश्वस्त किया है कि बिलासपुर के जो बच्चे कोटा में है उन्हें वहां से बहुत जल्द छत्तीसगढ़ और बिलासपुर के सभी बच्चों को वापस यहां ले आया जाएगा।