‘लोग तो रोज मरते हैं, सामना करो’, कोरोना वायरस पर ब्राजील के प्रेसिडेंट के बयान पर बवाल
ब्रासीलिया. ब्राजील (Brazil) के राष्ट्रपति जायर बोल्सनेरो (Jair Bolsonaro) ने शुरू से कोरोना वायरस (Coronavirus) की अनदेखी की, जिसकी कीमत आम जनता जान देकर चुका रही है. अभी भी वे इसे साधारण वायरस बता रहे हैं. कई हफ्तों बाद कोरोना संक्रमण से मुक्त होने के बाद, अब उनकी पत्नी कोरोना पॉजिटिव पाई गईं, लेकिन बेपरवाह बोल्सनेरो देशवासियों की मदद करने के बावजूद बेतूका बयान दे रहे हैं. बोल्सनेरो ने देशवासियों से अब कहा है, ‘मैं जानता था कि किसी दिन मैं भी इसका शिकार बनूंगा और दुर्भाग्य से हर एक को किसी न किसी दिन इसका सामना करना पड़ेगा. तो फिर इसमें डर कैसा?’
पत्रकारों को संबोधित करते हुए 65 साल के बोल्सेनेरो ने कहा कि उम्र के हिसाब से वो हाई-रिस्क श्रेणी में आते हैं, लेकिन फिर भी कुछ दवाओं को लेकर वो ठीक हो गए. तो आखिर इसमें डरने की क्या बात है? बस उठो और सामना करो. दक्षिणी प्रांत रियो डु सुल (Rio Grande do Sul) में उन्होने ये भी कह दिया, ‘कोरोना संक्रमण से हुई मौत का उन्हें दुख है, लेकिन क्या किया जाए लोग तो रोज मरते हैं.’ इस बयान के बाद उनकी चौतरफा आलोचना हो रही है.
कई हफ्तों बाद कोरोना संक्रमण से मुक्त हुए बोल्सनेरो ने समर्थकों की भीड़ को संबोधित करते हुए ये बातें कहीं. वहां भी उन्होंने चेहरे से मास्क हटाकर लोगों का अभिवादन किया. उसी दिन उनके दफ्तर की ओर से जानकारी दी गई कि उनके बाद अब फर्स्ट लेडी मिशेल बोल्सनेरो भी कोरोना पॉजिटिव पाई गईं हैं.
इसके बावजूद उन्हे लगता है कि ‘कोरोना एक सामान्य फ्लू है’ जिसका इलाज आसान है. घरों में रहने की बजाए उनके समर्थक बाहर पहले जैसे सामान्य दिनचर्या की बात कर रहे हैं. बोल्सनेरो की बीमारी के दौरान भी उनके चाहने वालों ने उनके समर्थन में रैली निकाली थी.
बोल्सेनेरो कई बार हाइड्राक्सीक्लोरोक्वीन (hydroxychloroquine) को इसकी दवा बता चुके हैं और ठीक होने के बाद उन्होने इसी दवा की डिब्बी के साथ अपनी तस्वीर सोशल मीडिया पर साझा की थी. हालांकि शुक्रवार को उनकी तबीयत थोड़ी नासाज़ दिखी लेकिन इसके बावजूद वो एक्टिव होकर ऐसे बयान दे रहे हैं. वहीं उनके विरोधियों का कहना है कि उनकी गलत नीतियों के चलते ही कोरोना वायरस ने उनके देश में बड़े पैमाने पर लोगों की जान ली.