वित्तमंत्री कहती हैं कि मैं प्याज नहीं खाती, नरेन्द्र मोदी कहते है कि मैं न खाऊंगा न खाने दूंगा फिर भी महंगाई बेलगाम क्यों? : वंदना राजपूत


रायपुर. वर्तमान समय में महंगाई की समस्या अत्यन्त विकराल रूप धारण कर चुकी है। छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी प्रवक्ता वंदना राजपूत ने कहा कि बढ़ती हुई महंगाई से जनता त्रस्त हो गई है। महंगाई कम करने और अच्छे दिन लाने का वादा कर नरेन्द्र मोदी प्रधानमंत्री बने आज महंगाई बेलगाम हो गई है और प्रधानमंत्री जी महंगाई कम करने के लिये कोई ठोस कदम उठाने की बात तो दूर इस विषय पर बात भी करना छोड़ दिये। महंगाई को लेकर सब चिंतित एवं परेशान है लेकिन उससे उनको क्या। 

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण कहती है कि मैं ऐसे परिवार से आती हु जहां प्याज से मतलब नहीं। प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता वंदना राजपूत ने कहा कि वित्त मंत्री आप एवं आपके परिवार प्याज नही खाते तो क्या आप अपनी जिम्मेदारी से भाग जाओगी? पूरे देश में बाजारों मे आग लगी हुई है, प्याज 80 रुपये किलो, तो राहर दाल 160 रूपये, आलू 50 रुपये किलो अन्य खाद्यान्नों और कई उपभोक्ता वस्तुओं के कीमतों में निरन्तर वृद्धि एक दहशतकारी मोड़ ले रही है। महंगाई के कारण असन्तोष बढ़ रहा है हर वर्ग के लोग त्रस्त हैं। बढ़ती महंगाई अर्थव्यवस्था के हर क्षेत्र को प्रभावित कर प्रत्येक वस्तु के मूल्य एवं किराये बढ़ रहे हैं। आम आदमी का जीवन दूभर होता जा रहा है।
आज की हालत यह है कि आम आदमी महंगाई की आग में बुरी तरह झुलस गया है। प्रधानमंत्री कहे थे कि न मैं खाऊगा और ना खाने दूंगा मोदी जी आप को तो छप्पन प्रकार के भोग मिल रहे है लेकिन आम आदमी दो वक्त के रोटी के लिये तरश रहे है। गरीब आदमी तो क्या मध्यम वर्ग के लोगों का भी जीना मुहाल कर दिया आपने। निकम्मा सरकार के कारण आज महिलाओं का घर का बजट असंतुलित हो गया है। कोरोना काल में रोजगार नही आौर ऊपर से महंगाई की मार सरकार के पास कीमते बढ़ने के हर तर्क मौजूद है मगर उन्हें रोकने का एक भी उपाय नहीं है।

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