धमतरी। “सीख” कार्यक्रम के तहत कलेक्टर जयप्रकाश मौर्य ने आज विद्यार्थियों को शैक्षणिक एवं गैर शैक्षणिक गतिविधियों को संचालित करने वाले वाॅलिंटियर्स का सम्मान सीख-पिटारा वितरित कर किया। आज सुबह धमतरी विकासखण्ड की ग्राम पंचायत अर्जुनी में आयोजित संक्षिप्त कार्यक्रम में कलेक्टर ने शिरकत कर शिक्षक, विद्यार्थी तथा वाॅलिंटियर्स को संबोधित करते हुए कहा कि कोविड-19 वायरस के संक्रमण के चलते पारम्परिक शिक्षण कार्य बाधित हुआ है, जिसे अनवरत बनाए रखने के लिए सीख कार्यक्रम चलाया जा रहा है। उन्होंने आगे कहा कि सही मायने में शिक्षा से विद्यार्थियों का सर्वांगीण विकास होता है और भावी पीढ़ी को बेहतर ढंग से तैयार करने के लिए शिक्षक रोल माॅडल के तौर पर अपना दायित्व निभाएं।
कलेक्टर श्री मौर्य ने अपने उद्बोधन में आगे कहा कि शिक्षा सिर्फ रोजगार अथवा व्यवसाय हासिल करने का जरिया मात्र नहीं है। शिक्षा से बुद्धि और ज्ञान का भी विकास होता है इसलिए सभी विद्यार्थियों को एक साथ लेकर शिक्षक उन्हें आगे बढ़ाने में अपनी सकारात्मक भूमिका निभाएं। लोकतंत्र में शिक्षा का महत्व और बढ़ जाता है, जब मनुष्य जागरूक होकर हर क्षेत्र में अपनी समझ विकसित करता है। उन्होंने आगे कहा कि शिक्षा सिर्फ नौकरी हासिल करने का जरिया मात्र नहीं है, इसलिए विद्यार्थियों की गुणवत्ता का आंकलन कभी अंकों से ना करें। यह जरूरी नहीं कि कम अंक पाने वाला छात्र किसी भी क्षेत्र में आगे नहीं बढ़ सकता। जरूरत है उसकी वास्तविक प्रतिभा को परखकर उसे सही दिशा देने की। इस दौरान कलेक्टर ने ग्रामीणों को समझाइश देते हुए कहा कि कोरोना से भयभीत होने की आवश्यकता नहीं है, बल्कि उन्हें सावधानी व सतर्कता के साथ जीने की है। जिले में इस दौरान 42 मरीजों की मृत्यु हुई है, जिनमें से सिर्फ 04 की मृत्यु कोरोना से हुई, शेष 38 अन्य मरीज अन्य गम्भीर बीमारियों से पीड़ित थे। इस अवसर पर जिला शिक्षा अधिकारी श्रीमती रजनी नेल्सन ने सीख कार्यक्रम के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि राज्य के 4-5 जिलों में यह चल रहा है, जिसमें सर्वाधिक बेहतर कार्य धमतरी जिले में हो रहे हैं, जिसके अंतर्गत बच्चों को आॅनलाइन एवं आॅफलाइन शिक्षा तथा अन्य रोचकपूर्ण गतिविधि, क्रियाकलाप कराया जा रहा है, जो काफी हद तक सफल रहा है। इसके पहले, कलेक्टर श्री मौर्य ने देमार संकुल के ग्राम भानपुरी, अर्जुनी, खपरी, पीपरछेड़ी, देमार, तेलिनसत्ती, उसलापुर के वाॅलिंटियर्स को सीख पिटारा (शिक्षण सामग्री किट) प्रदान किए। इस अवसर पर शिक्षा विभाग के अधिकारीगण, वाॅलिंटियर्स, विद्यार्थीगण तथा ग्रामीणजन उपस्थित थे।