विशेष ई‌ लोक अदालत में 3000 से अधिक मामलों की सुनवाई होगी


बिलासपुर. छत्तीसगढ़ देश में  प्रथम राज्य होगा, जहाँ कोविड 19 के संकट काल में पक्षकारों को राहत दिलाने विशेष ई लोक अदालत का आयोजन किया गया है।  शनिवार को इस विशेष लोक अदालत में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से 3,000 से अधिक समझौता योग्य मामलों का निराकरण कर पक्षकारों को राहत प्रदान की जाएगी। छत्तीसगढ़ राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के कार्यवाहक अध्यक्ष जस्टिस प्रशांत कुमार मिश्रा एवं प्राधिकरण के सचिव सिद्धार्थ अग्रवाल ने एक चर्चा में कहा कि कोविड-19 कारण लंबे समय से अदालतें बंद है।, इसके कारण मोटर दुर्घटना दावा , चेक बाउंस, बैंक फाइनेंस, पारिवारिक विवाद के समझौता योग्य मामलों के पक्षकारों को दिक्कत आ रही है। इसे देखते हुए छत्तीसगढ़ राज्य देश का ऐसा प्रथम राज्य है, जहां 11 जुलाई को विशेष ई लोक अदालत का आयोजन किया गया है। इस विशेष लोक अदालत में समझौता योग्य मामलों के पक्षकारों से पहले ही सहमति पत्र प्राप्त कर लिया गया है। पक्षकार एक कोर्ट के लिंक में जाकर सीधे कोर्ट से जुड़ेंगे। मामलों की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से सुनवाई होगी । इसमें पीठासीन अधिकारी दोनों पक्षों से मामले में समझौता किए जाने के संबंध में पूछेंगे। अगर दोनों पक्ष समझौते के लिए सहमत होते हैं,तो प्रकरण का निराकरण कर उस पर अंतिम आदेश पारित किया जाएगा। इस लोक अदालत में सर्वाधिक मामले रायपुर जिला न्यायालय, उसके बाद दुर्ग के प्रकरण रखे गये हैं। 3000 से अधिक मामलों की सुनवाई 200 से ज्यादा खंडपीठ में होगी । विशेष लोक अदालत का आयोजन पूरे देश में एक मॉडल के रूप में स्थापित होगा। मामलों की सुनवाई के दौरान तकनीकी दिक्कत ना आए, इसे ध्यान में रखते हुए प्रत्येक खंडपीठ को 10GB का अतिरिक्त डाटा दिया गया है। इसके अलावा किसी पक्षकार को नेटवर्क प्रॉब्लम होने पर वे व्हाट्सएप पर वीडियो कॉलिंग से जुड़कर अपनी बात रख सकते हैं। पक्षकार, वकील दोनों को कोर्ट आने की आवश्यकता नहीं है । इस आयोजन से जहां पक्षकारों को न्याय मिलेगा, वहीं आर्थिक संकट से जूझ रहे वकीलों को भी राहत मिलने की संभावना है।

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