व्यय संपरीक्षक अपने दायित्वों का कुशलता से निर्वहन करें

बिलासपुर. नगर पालिका आम निर्वाचन अंतर्गत बिलासपुर जिले के 9 नगरीय निकायों में अभ्यर्थियों द्वारा किये जाने वाले निर्वाचन व्यय पर नजर रखने के लिये नियुक्त प्रेक्षकों ने आज निर्वाचन व्यय संपरीक्षकों की बैठक लेकर उन्हें आवश्यक दिशा-निर्देश दिये। उन्हांेने कहा कि व्यय संपरीक्षक संवैधानिक पद का निर्वहन कर रहे हैं। इसलिये अपने दायित्वों को कुशलता से पूर्ण करें। मंथन सभाकक्ष में आयोजित बैठक में बिलासपुर नगर निगम के निर्वाचन व्यय प्रेक्षक श्री राजेन्द्र कुमार पटेल, नगर पालिका परिषद तखतपुर, नगर पंचायत मल्हार, बिल्हा, बोदरी की व्यय प्रेक्षक श्रीमती करूणा पाण्डेय और नगर पालिका परिषद रतनपुर, नगर पंचायत कोटा, पेण्ड्रा, गौरेला के व्यय प्रेक्षक श्री गांधीलाल भारद्वाज ने निर्वाचन व्यय संपरीक्षकों के दायित्वों की विस्तार से जानकारी दी। बिलासपुर नगर निगम के लिये हर पांच वार्ड पर एक व्यय संपरीक्षक की नियुक्ति की गई है। इसी तरह नगर पालिका एवं नगर पंचायतों मंे हर 8 वार्डों एवं 7 वार्डों के बीच एक व्यय संपरीक्षक नियुक्त किया गया है।  बिलासपुर नगर निगम के व्यय संपरीक्षक मंथन हाॅल के उपर बने कक्ष मंे 9 दिसंबर को अभ्यर्थियों द्वारा नाम वापसी के पश्चात अपने कर्तव्य पर उपस्थित रहेंगे। साथ ही अन्य नगरीय निकायों के व्यय संपरीक्षक संबंधित नगरीय निकायों में उपस्थित रहंेगे। व्यय प्रेक्षकों ने कहा कि अभ्यर्थियों द्वारा अवैध रूप से किये जाने वाले व्यय की रोकथाम के लिये हरसंभव प्रयास किया जाना चाहिये। पार्षद पद के अभ्यर्थियों को निर्धारित प्रारूप के अनुसार व्यय लेखा पंजी बनाना होगा और प्रतिदिन के व्यय को उसमें दर्ज करना है। संपरीक्षक इस पंजी की जांच करंेगे और उसमें हस्ताक्षर करेंगे। अभ्यर्थी स्वयं या अपने प्रतिनिधि के माध्यम से व्यय लेखा पंजी को प्रस्तुत कर सकता है। अभ्यर्थिता से नाम वापसी की तिथि 9 दिसंबर है, इस तिथि के बाद चुनाव लड़ने वाले अभ्यर्थियों की सूची व उनके सम्पर्क नंबर, पता आदि की जानकारी संग्रहित कर लें। 9 दिसंबर से अभ्यर्थियों के निर्वाचन व्यय की गणना होगी। निर्वाचन परिणाम की घोषणा की तिथि 24 दिसंबर से 30 दिनों के भीतर अभ्यर्थियों को अंतिम व्यय लेखा प्रस्तुत करना होगा। अभ्यर्थियों को प्रोत्साहित करें कि वे समय सीमा के भीतर जल्द से जल्द अपना लेखा प्रस्तुत कर दें। नामांकन एवं परिणाम घोषणा के बीच कम से कम दो बार अभ्यर्थियों की व्यय लेखा पंजी की जांच संपरीक्षकों द्वारा की जानी है। इसके लिये दिन निर्धारित कर अभ्यर्थियों को सूचित कर दें। व्यय पंजी के साथ-साथ वाउचर भी होना जरूरी है। अभ्यर्थियों को नया बैंक अकाउंट खोलना होगा। और यदि पुराना बैंक अकाउंट है, तो वह जीरो बैलेंस में होना चाहिये। सभी अभ्यर्थियों का पृथक-पृथक फाईल वार्डवार बनाया जाये। व्यय प्रेक्षकों ने कहा कि व्यय लेखा प्रस्तुत नहीं करने पर अभ्यर्थियों को पांच वर्ष के लिये चुनाव लड़ने हेतु निर्रहित भी किया जा सकता है। इसकी जानकारी अभ्यर्थियों को दी जाये। अभ्यर्थी यदि निर्विरोध चुना जाता है, तो उसे 9 दिसंबर से 30 दिवस के भीतर अंतिम व्यय लेखा प्रस्तुत करना होगा। अभ्यर्थियों द्वारा वाहन, सभा, कार्यालय खोलने आदि की अनुमति सक्षम प्राधिकारी द्वारा ली गई है, इसकी कापी भी संपरीक्षकों को रखना होगा। प्रचार सामग्री में मुद्रक का नाम छपा है या नहीं यह देखना भी व्यय संपरीक्षकों का कार्य है। बैठक में उप जिला निर्वाचन अधिकारी श्री अमित गुप्ता, नगर निगम के संयुक्त संचालक श्री आर.बी.वर्मा सहित सभी नगरीय निकायों के लिये नियुक्त निर्वाचन व्यय संपरीक्षक उपस्थित थे।

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