शहर की तरह ही ग्रामीण क्षेत्रों में भी कांग्रेस विजयी होगी


रायपुर. भारतीय जनता पार्टी की सरकार के समय जो पीएससी में गड़बड़ी होती थी। पीएमटी के परीक्षा 3-3 से 4-4 बार आयोजित करनी पड़ी शिक्षा का स्तर गिर गया था। भाजपा के समय से आ रही गड़बड़ियो को दुरूस्त करने का काम जारी है। माध्यमिक शिक्षा मंडलों में स्वयं जांच करने से पाया है। कुछ शिक्षको द्वारा छात्रों के मूल्यांकन में बड़ी गलती की गई थी, इन शिक्षकों पर कार्यवाही की गई है। माध्यमिक शिक्षा मंडल की यह पहल सराहनीय है और छात्रों के भविष्य के लिये एक बेहद सकारात्मक पहल है। छात्रों के भविष्य से खिलवाड़ को बर्दाश्त नहीं किया जाता। कांग्रेस सरकार शिक्षा का स्तर उठाने के लिये कठिबद्धित है, संकल्पित है।  निर्वाचित पार्षदों के द्वारा नगर निगम के महापौर, नगर पालिका के अध्यक्ष और नगर पंचायत के अध्यक्ष का निर्वाचक किया गया है। निर्वाचित पार्षदों के विवेक पर इस प्रकार से प्रश्न चिन्ह खड़े करने पर प्रदेश कांग्रेस के महामंत्री एवं संचार विभाग के अध्यक्ष शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कड़ी आपत्ति की, उन्होंने कहा कि पार्षदों ने अपने विवेक से सबसे अच्छा चयन किया है, जनादेश को सिरोधार करना चाहिये और नगरीय निकायों को काम करने देना चाहिये, क्या किया था पूर्व भाजपा की सरकार ने नगरीय निकाय के प्रमुखों से वित्तीय अधिकार छीन लिये थे, अब कांग्रेस की सरकार में प्रजातांत्रिक तरीके से काम हो रहे है तो ऐसे झूठे आरोपो का सहारा लिया जा रहा है। प्रदेश कांग्रेस के महामंत्री एवं संचार विभाग के अध्यक्ष शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कहा कि देश में चुनावी चंदा का 90 प्रतिशत पैसा भाजपा के हिस्सा में जाता है। नगरीय निकाय चुनाव में भी भाजपा अपने धनबल का बहुत इस्तेमाल किया। भाजपा अपने सारे पार्षद प्रत्याशियों के खाते में पैसा जमा करवाये। अध्यक्ष पद के निर्वाचन में भाजपा खरीद-फरोख्त की बहुत कोशिश की ये डीगर बात है कि निर्वाचित पार्षदों की जागरूकता के कारण और जनता की जागरूकता के कारण भारतीय जनता पार्टी को मुहं की खानी पड़ी। भाजपा ने क्या नहीं किया रायपुर में शिकायतें, दो-दो पूर्व मंत्री धरने पर बैठे, लेकिन जीत कांग्रेस की हुयी। 9 नगर निगमों में कांग्रेस के महापौर निर्वाचित हो गये है। इस बौखलाहट में भारतीय जनता पार्टी झूठे निराधार आरोपों का सहारा ले रही है। पंचायत चुनाव में जिस तरीके से कांग्रेस की सरकार ने 2500 रू. में धान खरीदा है, जिस तरीके से किसानों का 11 हजार करोड़ रू. का कर्ज माफ हुआ है और भाजपा की केन्द्र सरकार ने नोटिस भेज कर राज्य सरकार को कि यदि 2500 रू. में धान खरीदनें पर अड़ंगा लगाया और 1815 रू. में नहीं खरीदेनें पर तो छत्तीसगढ़ के किसानों के धान से बना चावल सेन्ट्रल पूल में नहीं लेने की बात कहीं। छत्तीसगढ़ की किसान भलीभांती समझते है कि भारतीय जनता पार्टी किसान विरोधी है, छत्तीसगढ़ विरोधी है, गरीब विरोधी है। ग्रामीण क्षेत्रों में भारतीय जनता पार्टी को कोई साथ नहीं देने वाला है। अभी से भाजपा नेताओं को एहसास हो गया है और हार के बहाने खोजना अभी से शुरू कर दिये है।

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