शादी का झांसा देकर दैहिक शोषण, आरोपी को आजीवन कारावास

बिलासपुर. विशेष न्यायाधीश एफटीसी ने अवयस्क बालिका को शादी का झांसा देकर दैहिक शोषण कर गर्भवती करने के आरोपी को पाक्सो एक्ट में आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। सिविल लाइन थाना क्षेत्र में रहने वाली 16 वर्षीय किशोरी ने अपनी  माँ को बताया कि मस्तूरी क्षेत्र के ग्राम टिकारी में रहने वाला शत्रुघन सतनामी पिता सुखसागर (25) कुछ माह पहले घर आया था और उससे शादी करने की बात कह कर शारीरिक संबंध बनाया। इसके बाद उसने कई बार उससे सम्बन्ध बनाया।इसकी जानकारी होने पर किशोरी को डॉक्टर के पास ले गए। डॉक्टर ने उसके गर्भ से होने की जानकारी दी। किशोरी ने 8 नवम्बर 2015 को आरोपी के खिलाफ सिविल लाइन थाना में रिपोर्ट लिखाई। पुलिस ने धारा 376 व् पाक्सो एक्ट के तहत अपराध दर्ज कर न्यायालय में चालान पेश किया। मामले में विशेष न्यायाधीश एफटीसी विवेक कुमार तिवारी की अदालत में सुनवाई हुई। कोर्ट ने अपने आदेश में कहा की अवयस्क बालिका को शादी का प्रलोभन देते हुए शारीरिक शोषण किया जाना किसी भी स्थिति में स्वीकार्य नही किया जा सकता है। इस प्रकृति के अपराधों में नरम दृष्टिकोण अपनाया जाना उचित नही है। अदालत ने पीड़िता के अवयस्क होने पर आरोपी को पाक्सो एक्ट में आजीवन कारावास व् एक हजार रूपये अर्थदंड की सजा सुनाई है। अर्थदंड नही देने पर आरोपी को 1 वर्ष का अतिरिक्त कारावास भोगना होगा।

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