शादी का झांसा देकर यौन शोषण करने वाला आरोपी को न्यायालय ने भेजा दो दिन की पुलिस अभिरक्षा में


न्यायालय न्याायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी आशीष परसाई भोपाल के न्या‍यालय में महिला का यौन शोषण करने वाले आरोपी विजेन्द्रो पाठक ने न्याायालय में आत्मल समर्पण किया। जिस पर थाना निशातपुरा द्वारा आरोपी के मेडिकल परीक्षण एवं डीएनए कराने हेतु पुलिस अभिरक्षा की मांग की। केस डायरी के अवलोकन तथा अभियोजन को सुनने पश्चामत न्यायालय ने आरोपी विजेन्द्रो पाठक को दिनांक 4/11/2020 की शाम तक दो दिवास की पुलिस अभिरक्षा मंजूर की और आरोपी को पुलिस अभिरक्षा में सुपुर्द कर दिया । शासन की ओर से पैरवी अभियोजन अधिकारी मनोज त्रिपाठी द्वारा की गयी।

जनसंपर्क अधिकारी भोपाल संभाग मनोज त्रिपाठी ने बताया कि दिनांक 17/03/2020 को पीडिता द्वारा थाना निशातपुरा में रिपोर्ट दर्ज करायी गई कि जनवरी 2016 में आरोपी विजेन्द्र् पाठक पुत्र साधुराम पाठक सीएफएन ;सिपाहीद्ध के पद पर कार्यरत है और पीड़िता के घर के पास किसी काम से आया था। पीड़िता को अपने मुकदमे की पैरवी हेतु न्यायालय जाने के लिये आरोपी की स्कूटी से लिफ्ट लिया था। जब आरोपी ने पीड़िता को उतारा तो पीड़िता का मोबाइल नं मांगा। पीड़िता ने आरोपी के भारतीय सेना में होने के कारण अपना मोबाइल नम्बंर दे दिया। जिस पर आरोपी ने 2-3 दिन बाद फोन कर दोस्ती का ऑफर दिया। तब दोस्ती होकर मुलाकात भी होने लगी। आरोपी द्वारा पीड़िता को शादी का झांसा दिया गया।

जिस पर विश्वास कर पीड़िता वर्ष 2018 से गांधी नगर भोपाल में आरोपी के साथ रहने लगी। इसी बीच आरोपी एक बार पीड़िता को शादी की बात करने बहाने होटल राजवंश लेकर गया और उसकी मर्जी के विरूद्ध उसके साथ शारीरिक संबंध बनाये और बार बार शादी करने की बात करने पर आरोपी इन्कार करता रहा। पीड़िता की एक पुत्री आरोपी से है जो चिरायु अस्पकताल में पैदा हुई थी। शादी की बात को लेकर आरोपी ने पीड़िता के साथ मारपीट भी की थी। आरोपी द्वारा अंतिम बार दिनांक 11/02/2020 को प्रार्थिया के साथ शारीरिक संबंध बनाया गया था। आरोपी उत्तकरप्रदेश का रहने वाला है और वर्तमान में ईएमई सेन्टार ट्रेनिंग बटालियन सिकन्दकराबाद में पदस्थ है। पूर्व में हो चुकी थी और उसका विवाह वर्ष 2018 में शून्यद घोषित किया गया है। उक्त सूचना पर थाना निशातपुरा द्वारा थाने के अपराध क्रमांक 233/2020 धारा 366, 376, 498, 323, 506 भादवि में आरोपी के विरूद्ध दर्ज विवेचना में लिया गया जिस पर न्या यायल द्वारा गिरफतारी वारंट जारी किया गया था।

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