शारदीय नवरात्रि पर्व कल से

अधिकमास के कारण आगे बढ़ गई तिथि

बिलासपुर। शारदीय नवरात्रि मां नवदुर्गा की उपासना का पर्व है। हर वर्ष यह पावन पर्व श्राद्ध के खत्म होने के बाद ही शुरू हो जाता है। लेकिन इस बार अधिक मास के कारण संभव नहीं हो पाया। इस वर्ष नवरात्र का पर्व 17 अक्टूबर से प्रारंभ हो रहा है, जो 25 अक्टूबर तक चलेगा। राम नवमी का पर्व 24 अक्टूबर को है। हिन्दू पंचांग के अनुसार आश्विन माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा से नवरात्र पर्व शुरू होता है जो नवमी तिथि तक चलता है। दशमी तिथि को दशहरा मनाया जाता है।

मां अम्बे के 9 रूपों की होती है पूजा

नवरात्रि के नौ दिन मां दुर्गा के नौ रूपों की आराधना होती है…
0 पहले दिन मां शैलपुत्री
0 दूसरे दिन मां ब्रह्मचारिणी
0 तीसरे दिन मां चंद्रघंटा
0 चौथे दिन मां कुष्मांडा
0 पांचवें दिन मां स्कंदमाता
0 छठे दिन मां कात्यायनी
0 सातवें दिन मां कालरात्रि
0 आठवें दिन मां महागौरी
0 नौवें और अंतिम दिन सिद्धिदात्री की पूजा की जाती है। नवरात्र के पहले दिन विधिनुसार घटस्थापना का विधान है।

एक साल में नवरात्रि पर्व 4 बार

वर्षभर में कुल 4 बार नवरात्रि का पर्व आता है। चैत्र नवरात्रि, शारदीय नवरात्रि और दो गुप्त नवरात्रि। व्रत रखने का अधिक महत्व चैत्र और शारदीय नवरात्रि का होता है। चैत्र और शारदीय नवरात्रि में व्रत करने मां का आशीर्वाद मिलता है और सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं।

इसलिए मनाई जाती है शारदीय नवरात्रि

शास्त्रों में नवरात्रि का त्योहार मनाए जाने के पीछे दो कारण बताए गए हैं। पहली पौराणिक कथा के अनुसार मां दुर्गा और महिषासुर के बीच नौ दिनों तक भयंकर युद्ध हुआ और दसवें दिन मां दुर्गा ने महिषासुर का वध कर दिया। इस दिन को अच्छाई पर बुराई की जीत के रूप में मनाया जाता है।

श्रीराम ने की थी नवदुर्गा की उपासना

रामायण कथा के अनुसार, भगवान राम ने लंका पर आक्रमण करने से पहले और रावण के संग युद्ध में जीत के लिए शक्ति की देवी मां भगवती की आराधना की थी। रामेश्वरम में उन्होंने नौ दिनों तक माता की पूजा की। उनकी भक्ति से प्रसन्न होकर मां ने श्रीराम को लंका में विजय प्राप्ति का आशीर्वाद दिया। दसवें दिन भगवान राम ने लंका नरेश रावण को युद्ध में हराकर उसका वध कर लंका पर विजय प्राप्त की। इस दिन को विजय दशमी के रूप में जाना जाता है।

शारदीय नवरात्रि का महत्व

धर्म ग्रंथों एवं पुराणों के अनुसार शारदीय नवरात्रि माता दुर्गा की आराधना का श्रेष्ठ समय होता है। नवरात्र के इन पावन दिनों में हर दिन मां के अलग-अलग रूपों की पूजा होती है, जो अपने भक्तों को खुशी, शक्ति और ज्ञान प्रदान करती है। नवरात्रि का हर दिन देवी के विशिष्ठ रूप को समर्पित होता है और हर देवी स्वरुप की कृपा से अलग-अलग तरह के मनोरथ पूर्ण होते हैं। नवरात्रि का पर्व शक्ति की उपासना का पर्व है।

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