सफलता की कहानी : डोर टू डोर कचरा इकट्ठा करने के साथ वर्मी खाद बेचकर आय प्राप्त कर रही है स्वसहायता समूह की महिलाएं


बिलासपुर.गोधन न्याय योजना अब ग्रामीण क्षेत्र के साथ-साथ शहरी क्षेत्र में अर्थव्यवस्था को मजबूती दे रहा है। बिलासपुर नगर निगम क्षेत्र में डोर टू डोर कचरा एकत्र करने वाली स्वसहायता समूह की महिलाएं अब गोठानों में वर्मी खाद बनाकर और इसे बेचकर आय प्राप्त कर रही है। इन महिलाओं ने वर्मी खाद बेचकर अब तक 46 हजार रूपये कमा लिया है। वहीं घर-घर कचरा एकत्र कर प्रत्येक महिला 6 हजार रूपये की अतिरिक्त आय प्राप्त कर रही है। जो नगर निगम द्वारा इन्हें भुगतान किया जाता है। गोठानों से मिलने वाले गोबर से गोकाष्ठ एवं दिया बनाकर इन महिलाओं ने एक लाख 69 हजार रूपये की आय भी प्राप्त किया है।


गोधन न्याय योजना के तहत् नगर निगम क्षेत्र बिलासपुर में 4 गोबर खरीदी केन्द्र बनाये गये हैं। सभी केन्द्रांे में गोबर क्रय किया जा रहा है तथा गोठानों में वर्मी खाद बनाने की प्रक्रिया चल रही है। मोपका, सकरी, तिफरा और सिरगिट्टी क्षेत्र में बनाए गए गोठानों में अब तक कुल 144 क्विंटल खाद का निर्माण हुआ है। तिफरा के गोठान में अब तक 31 क्विंटल 95 किलो वर्मी खाद का उत्पादन किया गया है। जिसमें से 26 क्विंटल 95 किलो का विक्रय हो गया है। इस गौठान में कुल 5 स्वसहायता समूह की 50 महिलाएं काम कर रही हैं। वर्मी कंपोस्ट खाद बनाने के लिए प्रतिदिन बारी-बारी से 10 से 12 महिलाएं आती है। शेष महिलाएं डोर टू डोर कचरा एकत्र करने जाती है। तिफरा गोठान से आज मंगला ग्राम के किसानों ने 7 क्विंटल वर्मी खाद की खरीदी की। जिसे वे अपने खेतों में उपयोग करेंगे। इस तरह गोधन न्याय योजना से जैविक खेती को भी बढ़ावा मिल रहा है।

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