सफेद दाग की समस्या से बचना चाहते हैं तो इन दो चीजों के साथ ना लें डेयरी प्रॉडक्ट्स

क्यों दूध (Milk) के साथ मछली (Fish) और नमक (Salt) नहीं खाना चाहिए, क्या वाकई इससे सफेद दाग (Vitiligo) होता है…

इस बात से कोई इनकार नहीं कर सकता है कि हमारे देश में दूध ना पीनेवाले लोगों की एक बड़ी संख्या है। लेकिन ये लोग दूसरे डेयरी प्रॉडक्ट्स जैसे, पनीर, चीज़, दही, छाछ आदि का सेवन जमकर करते हैं। इसलिए इनके शरीर को दूध के पोषण का लाभ मिल जाता है। हालांकि दूध सहित इन सभी डेयरी प्रॉडक्ट्स को दो चीजें खाने के बाद नहीं खाना चाहिए…

हर कॉम्बिनेशन अच्छा नहीं होता है

-दो अच्छी चीजों का कॉम्बिनेशन हमेशा अच्छा हो, ऐसा जरूरी नहीं है। यही बात दूध, सोडियम, फिश और प्रोटीन पर लागू होती है। ये सभी चीजें हमारे शरीर के लिए जरूरी हैं लेकिन यदि इनका सेवन साथ में किया जाए तो ये हमारे शरीर के लिए धीमे जहर का काम करती हैं।

डेयरी प्रॉडक्ट्स और सोडियम

-डेयरी प्रॉडक्ट्स यानी दूध, दही, पनीर और टोफू जैसी चीजों के साथ उन खाद्य पदार्थों का सेवन नहीं करना चाहिए, जिनमें सोडियम यानी नमक का अधिक मात्रा में उपयोग किया गया हो।

-अब आप कहेंगे कि दही की कढ़ी और रायता तो बनाकर खाया जाता है। जी हां, यह सच है लेकिन इसमें सरसों के तेल और जीरे के साथ ही अन्य मसालों का तड़का लगने से दुष्प्रभाव कम हो जाता है।

-लेकिन दही की कढ़ी पेट के लिए अच्छी नहीं मानी जाती है। जब भी कढ़ी खानी हो तो इसे छाछ में बनाकर ही तैयार करें। क्योंकि दही से तैयार कढ़ी खानेवालों को अक्सर पेट से जुड़ी समस्याएं रहती हैं।

डेयरी प्रॉडक्ट्स और फिश

विपरीत प्रकृति का प्रभाव

-जो लोग दही में तैयार की गई मछली से तैयार डिश खाते हैं, उन्हें अक्सर आंत से जुड़ी और त्वचा से जुड़ी समस्याएं होती हैं। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि डेयरी प्रॉडक्ट्स और फिश दोनों की तासीर एक दूसरे के विपरीत होती है।

-डेयरी प्रॉडक्ट्स आपके पेट में जाने के बाद शरीर को ठंडक पहुंचाने का कार्य करते हैं तो प्रोटीन से भरपूर फिश डायट आपके शरीर को गर्माहट देने का काम करते हैं। ऐसे में जब ये दोनों फूड्स एक-साथ पाचनतंत्र में पहुंचते हैं तो इनकी विरोधी प्रकृति के कारण हमारे शरीर पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है।

क्या-क्या दिक्कतें होती हैं?

त्वचा विशेषज्ञ की राय

-वहीं, कई स्किन स्पेशलिस्ट कहते हैं कि दूध और मछली के साथ-साथ से त्वचा संबंधी रोग और अन्य एलर्जी हो सकती हैं। इसलिए इन्हें एक समय पर खाने से बचना चाहिए। लेकिन इस बात का कोई प्रमाण अभी तक नहीं मिल पाया है कि दूध और मछली का साथ सेवन करने से सफेद दाग का रोग होता है।

एलोपैथी के अनुसार

आपको तय करना होगा

-चिकित्सा क्षेत्र से संबंधित हर पैथी का अपना मत यानी विश्वास होता है। इनकी अपनी मान्यताएं इनके क्षेत्र से जुड़ी तकनीकों पर आधारित होती हैं। जो किसी क्रिया की प्रतिक्रिया के परिणामों और अन्य कारणों से प्रभावित होती हैं।

आयुर्वेद है सबसे पुरानी चिकित्सा पद्धति

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