समाज कार्य संघ की टीम ने अपनी मांगों को लेकर सांसद को सौंपा ज्ञापन
बिलासपुर. व्यवसायिक समाज कार्य संघ टीम बिलासपुर द्वारा आज बिलासपुर सांसद अरूण साव के कार्यालय में संघ के मांग हेतु ज्ञापन सौंपा गया. जिसमें msw कैंडिडेट के वर्तमान स्थिति से अवगत कराते हुए समाजकार्य को समाजशास्त्र से पृथक करने हेतु,विगत 20 सालों से समाजकार्य के विषय में असिस्टेंट प्रोफेसर कि भर्ती ना हुए जाने, व्यापम द्वारा आयोजित सेट की परीक्षा में समाजकार्य को पृथक करने हेतु व लोकसभा बिल नंबर 130 के राष्ट्रीय व्यवसायिक कार्य परिषद व प्रैक्टिसनर 2018 बिल को राज्यसभा में पास करने हेतु और राज्य में लागू करने हेतु अरुण साव को ज्ञापन देते हुए इसी विषय में चर्चा किए. अरुण साव के तरफ से इस मांग को विधानसभा में रखने का पूर्ण आश्वासन दिया गया. यह मुलाकात कार्यकारी संघ प्रमुख संजय जांगड़े के मार्गदर्शन में हुई. जिसमें बिलासपुर के कार्यकारिणी के अध्यक्ष खुशबू साहू, जिलाउपाध्यक्ष दिव्य प्रताप सिंह कुर्रे, जिला संयोजक दीपक गुप्ता, अमित गुप्ता, शुभम मिश्रा, मीडिया प्रभारी गोवर्धन पटेल व संघ के सक्रिय सदस्य अनिल बर्मन, राहुल तिवारी ने मुलाकात कर संघ की मांगों को उनके समक्ष रखा.
व्यावसायिक समाजकार्य संघ छत्तीसगढ़ ने इन प्रमुख मांगों को राज्य सरकार के समक्ष रखने का प्रस्ताव पारित किया
1. CGPSC द्वारा आयोजित सहायपक प्राध्यापक की भर्ती में समाज कार्य को समाजशास्त्र से अलग किया जाए और एमएसडब्ल्यू को व्यावसायिक रोजगार का दर्जा प्राप्त हो।
2. मेडिकल कॉलेज और जिला अस्पतालों में मेडिकल सोशल वर्कर और काउंसिलर के पोस्ट में केवल एमएसडब्ल्यू वालो की नियुक्ति किया जाए।
3. व्यापम द्वारा आयोजित राज्य पात्रता परीक्षा (SET) में भी एमएसडब्ल्यू का विकल्प हो।
4. नगर निगम/ पालिका/ नगर पंचायत आदि स्थानों में एमएसडब्ल्यू वाले विद्यार्थियों के लिए पद सृजित किया जाए व भर्ती किया जाए. इससे शहरी विकास के साथ-साथ समाजिक कनेक्टिविटी को बढ़ावा मिलेगा।
5. ग्राम पंचायत, जनपद पंचायत, जिला पंचायत को की ग्रामीण विकास के आधार स्तम्भ है. इन संस्थाओं में MSW के अभ्यर्थियों के लिए विभिन्न पद सृजित कर भर्ती किया जाए।
6. सरकार द्वारा अनुदान प्राप्त एनजीओ में एमएसडब्ल्यू किए हुए विद्यार्थियों की नियुक्ति की जाए व साथ ही फर्जी एनजीओ पर लगाम लगाए जाए।
7. प्रत्येक मेडिकल कॉलेज, जिला अस्पताल, प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र, उप स्वास्थ्य केंद्र में सोशल वर्कर की नियुक्ति की जाए। जिससे कि स्वास्थ्य सेवा को बढ़ावा मिलेगा।
8. प्रत्येक स्कूल, कॉलेज, यूनिवर्सिटीज में एमएसडब्ल्यू किए हुए लोगों को एजुकेशनल काउंसलर के पद पर नियुक्ति की जाए, जिससे कि राज्य में शिक्षा के स्तर को बढ़ाया जा सकता है, काउंसिलिंग के माध्यम से छात्रों में पायी जाने वाली कुंठा, तनाव , हताशा , आत्महत्या जैसी सामाजिक समस्या को समाप्त किया का सकता।