समाज से बहिष्कृत लोगों ने कलेक्टर के समक्ष लगाई न्याय की गुहार
बिलासपुर. हरदिया मरार पटेल अरपा मनियारी राज बिलासपुर से बहिष्कृत किए लोगों ने पुन: समाज में नहीं मिलाने वाले पदाधिकारियों के खिलाफ कलेक्टर बिलासपुर से शिकायत की है। समाज से बहिष्कृत किए गए लोगों का कहना है कि हमारे सामाज के 9 अन्य राज्यों के पदाधिकारियों ने सहमति भी दी है लेकिन स्थानीय पदाधिकारी हमे सामाज में नहीं मिला रहे हैं जिसके चलते हमे जीवन यापन करने में भारी दिक्कतों का सामना करना पढ़ रहा है इसी तरह काम-काज भी ठीक से नहीं कर पा रहे हैं। बहिष्कृत किए गए लोगों ने जुर्म दर्ज करने की मांग भी की है।
अंतरजातीय विवाह रचाने की सजा समाज के द्वारा दी जाती है। इस दौरान बहिष्कृत परिवार किसी के दुख सुख में शामिल नहीं हो सकता है और सबसे बड़ी बात यह है कि वह अपने बच्चों का शादी विवाह समाज में नहीं कर सकता। अगर बहिष्कृत परिवार से कोई नाता जोड़ता है तो समाज में उसे भी दंडित किया जाता है। हालांकि ऐसा किसी कानून के किताब में नहीं लिखा है लेकिन शासकीय हो अशासकीय सभी लोगों को इसका कड़ाई से पालन करना होता है। यह प्रथा शदियों से छत्तीसगढ़ में चली आ रही है।
आज कलेक्टर बिलासपुर से शिकायत करने पहुंचे बहिष्कृत लोगों का कहना था कि हमारे रोजी रोजगार पर बहुत असर पड़ रहा है वहीं मानसिक प्रताडऩा का शिकार भी हो रहे हैं। ऐसे में हमारे पास आत्महत्या के अलावा कोई रास्ता नहीं है। छत्तीसगढ़ हरदिया मरार समाज की बैठक ग्राम तुमना में 13 व 14 मार्च 2020 को आयोजित की गई थी इस दौरान नौ राज्यों से आये सामाज के वरिष्ठ पदाधिकारियों ने सहमति भी दी थी इसके बाद भी स्थानीय पदाधिकारी फिर से समाज में शामिल करने के नाम पर टाल-मटोल कर रहे हैं। रायपुर, कसडोल और लवन राज में हरदिया मरार समाज के पदाधिकारियों ने निर्णय लिया है कि अंतरजातीय विवाह रचाने वालों को समाज में फिर से सम्मान पूर्वक प्रवेश दिया जाये। इसके बाद भी स्थानीय पदाधिकारी हमारी एक नहीं सुन रहे हैं। मामले की शिकायत सिविल लाइन थाने में भी दर्ज कराई गई है।