सार्वजनिक शौचालय से भी फैल सकता है कोरोना संक्रमण, बरतें ये सतर्कता

जानलेवा साबित हो सकती है सार्वजनिक शौचालय या सुलभ शौचालय (Public Toilet) का उपयोग करते समय बरती गई लापरवाही…

Covid-19 By Public Toilet: सार्वजनिक शौचालय से भी फैल सकता है कोरोना संक्रमण, बरतें ये सतर्कता
कोरोना वायरस (Coronavirus) के संक्रमण (Infection) ने मनुष्य के जीवन में कई चुनौतियां खड़ी कर दी हैं। सांस लेने से, छूने से, छींकने और खांसने से फैलने वाले इस वायरस के कारण सोशल डिस्टेंसिंग (Social Distancing) तो आज के समय की जरूरत बन ही गई है। अब सार्वजनिक शौचालय यानी पब्लिक टॉयलट्स (Public Toilets) का उपयोग भी बहुत सोच-समझकर करना होगा। क्योंकि यहां बरती गई थोड़ी-सी लापरवाही की भारी कीमत चुकानी पड़ सकती है…

सार्वजनिक शौचालय से कोरोना का खतरा

चिकित्सा जगत के एक जर्नल फिजिक्स ऑफ फ्लूइड्स में प्रकाशित (Physics of Fluids)एक ताजा रिसर्च के अनुसार, पब्लिक टॉयलट्स उपयोग करने के दौरान कोरोना इंफेक्शन फैलने का खतरा बहुत अधिक है। इसलिए जरूरी है कि ऐसे सार्वजनिक शौचालय का उपयोग करते समय और खासतौर पर फ्लश करते समय, लोग अपने चेहरे पर मास्क पहनकर रखें और फ्लश करने के साथ ही टॉयलट से बाहर आ जाएं।

फ्लश के साथ बने क्लाउड्स से फैलता है कोरोना

-फ्लश करने के बाद तेज पानी की धार से जो क्लाउड और वाष्प बनती है, वह मात्र 6 सेकंड्स में 2 फीट की ऊंचाई तक उठती है। इन क्लाउड्स और वाष्प में वायरस भी होते हैं। साथ ही इनकी जांच में यह भी पाया गया है कि कोरोना वायरस भी इनमें शामिल हो सकता है।

क्या कहते हैं शोधकर्ता?

-शोधकर्ताओं के अनुसार, फ्लश के दौरान बननेवाले ये क्लाउड्स आमतौर पर उन लोगों को संक्रमित करते हैं, जो पब्लिक टॉयलट्स का उपयोग करते समय अपनी पर्सनल हाइजीन को लेकर पूरी सतर्कता नहीं बरतते हैं।

-यही लापरवाही कोरोना महामारी के इस दौर में बहुत सारे लोगों को महंगी पड़ सकती है। क्योंकि कोरोना वायरस हवा और खासकर नमी युक्त हवा के साथ लंबी दूरी 13 फीट तक की लंबी दूरी तय करने में सक्षम है। इस स्थिति में यदि मास्क का उपयोग ना किया जाए स्थिति खतरनाक हो सकती है।

यूरिन और पॉटी दोनों से संक्रमण संभव

शौचालय के जरिए कैसे फैलता है वायरस?

-पब्लिक टॉयलट से कोरोना संक्रमण फैलने की संभावना आधारित रिसर्च से जुड़े एक्सपर्ट्स का कहना है कि मल त्याग (faeces) और पेशाब करने के बाद जब फ्लश करना लगभग एक जैसा ही है। क्योंकि जब फ्लश किया जाता तो गैस और लिक्विड काफी फोर्स के साथ एक-दूसरे से मिलते हैं।

-इस दौरान फ्लश क्लाउड्स का निर्माण होता है, जो बहुत तेजी के साथ ऊपर की तरफ उठते हैं। ये क्लाउड्स अन्य कई वायरसों के साथ कोविड-19 के वायरस को भी कैरी कर सकते हैं। अपने शोध के दौरान वैज्ञानिकों को इन क्लाउड्स में कोरोना वायरस के एयरोसोल्स (aerosol particles) मिले हैं। यानी कोरोना वायरस को कैरी करने वाले बेहद महीन कण।

कैसे करें संक्रमण पर नियंत्रण?

-सार्वजनिक शौचालय का उपयोग करने के बाद साबुन से हाथ धुलें या अपने हाथों को सैनिटाइज जरूर करें। इसके बाद जब आप घर पहुंचे तो अपने पहने हुए कपड़ों को तुरंत धुलने के लिए रख दें और नहा लें। ध्यान रखें कि आपके बाल भी कोरोना वायरस के लिए कैरियर का काम कर सकते हैं। इसलिए शैंपू करना ना भूलें।

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