सियासी संकट के बीच सात देशों की यात्रा पर रवाना होंगे माइक पोम्पियो
वॉशिंगटन. अमेरिका में चल रही राजनीतिक उथलपुथल के बीच विदेश मंत्री माइक पोम्पियो (Mike Pompeo) सात देशों की यात्रा पर रवाना होने वाले हैं. पोम्पियो का यह दौरा शुक्रवार से शुरू होगा और इस दौरान वह फ्रांस, तुर्की, जॉर्जिया, इजरायल, कतर, संयुक्त अरब अमीरात और सऊदी अरब जाएंगे.
पोम्पियो ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि निश्चित रूप से हर देश में अलग-अलग मुद्दों पर बातचीत होगी, लेकिन मुझे यकीन है कि सभी मध्य पूर्व में शांति और सहयोग के ट्रंप प्रशासन के ऐतिहासिक प्रयासों पर ध्यान केंद्रित करेंगे. पोम्पियो की इस घोषणा पर अब तक जो बाइडेन की प्रतिक्रिया नहीं आई है, जिन्हें देश की जनता ने नया राष्ट्रपति चुना है.
सबसे पहले फ्रांस
अमेरिकी विदेश मंत्री अपनी 13 से 23 नवंबर की यात्रा की शुरुआत फ्रांस से करेंगे. जहां वह अपने फ्रांसीसी समकक्ष और फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों (Emmanuel Macron) से आर्थिक, सुरक्षा और आतंकवाद जैसे विषयों पर बातचीत करेंगे. पेरिस के बाद, पोम्पियो धार्मिक मुद्दों पर चर्चा के लिए तुर्की के इस्तांबुल जाएंगे.
अब्राहम समझौते पर होगी चर्चा
यूरोप में माइक पोम्पियो का आखिरी पड़ाव जॉर्जिया होगा. यहां वह देश की राष्ट्रपति, प्रधान मंत्री, और विदेश मंत्री से मुलाकात करेंगे. इसके अलावा, उनके कुछ धार्मिक नेताओं से मुलाकात की भी योजना है. जॉर्जिया से अमेरिकी विदेश मंत्री सीधे इजरायल रवाना होंगे. वह अब्राहम समझौते पर चर्चा करने के लिए इजरायल के प्रधान मंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के साथ बैठक करेंगे.
आखिरी पड़ाव सऊदी अरब
इसके बाद, वह संयुक्त अरब अमीरात जाएंगे और सुरक्षा सहयोग एवं क्षेत्रीय मुद्दों पर चर्चा के लिए अबू धाबी क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन जायद के साथ बैठक करेंगे. मीडिया विज्ञप्ति में कहा गया है कि वह खाड़ी देशों की एकता के महत्व सहित द्विपक्षीय और क्षेत्रीय मुद्दों पर चर्चा के लिए कतर की यात्रा भी करेंगे. यहां वह अमिर तमीम बिन हमद अल थानी और उप प्रधान मंत्री और विदेश मामलों के मंत्री मोहम्मद बिन अब्दुलरहमान अल थानी से मुलाकात करेंगे. पोम्पियो की यात्रा का अंतिम पड़ाव सऊदी अरब होगा, जहां वह क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान के साथ विभिन्न मुद्दों पर चर्चा करेंगे.